
योर मनी: इंश्योरेंस मिस सेलिंग के जाल से बचें
आपको अक्सर फोन पर एजेंट्स के कॉल तो आते ही होंगे। वो आपको बीमा या म्युचुअल फंड या इनवेस्टमेंट प्लान बेचने की कोशिश करते हैं। ये एजेंट आपसे तरह-तरह की मीठी-मीठी बाते करते हैं, कई बार रिटर्न बढ़ा चढ़ाकर भी बताया जाता है। इसे ही कहते हैं मिस सेलिंग। बीमा एजेंटों के मायाजाल से कैसे बचें, आज के योरमनी इंश्योरेंस स्पेशल में हम करेंगे इसकी खास चर्चा जिसमें सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़ रहे हैं ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मठपाल।
सबसे पहले समझ लेते हैं कि बीमा की मिस सेलिंग क्या है? ज्यादा कमीशन के लिए गलत प्रोडक्ट बेचना, बीमा के नाम पर निवेश वाली पॉलिसी बेचना, लोन के साथ बीमा पॉलिसी बेचना, एजेंट का पॉलिसी फॉर्म में गलत या अधूरी जानकारी भरना, एजेंट का पुरानी बीमारियां नहीं बताने को कहना और आप के नाम पर किसी और का मेडिकल टेस्ट कराना मिस सेलिंग के तहत आता है।जानकारों की सलाह है मिस सेलिंग बचने को लिए पॉलिसी फॉर्म को अच्छी तरह से पढ़ें, पॉलिसी फॉर्म को ध्यान से भरें, पॉलिसी फॉर्म में अधूरी या गलत जानकारी ना दें और पॉलिसी फॉर्म की एक कॉपी अपने पास रखें।
अगर इल सारी सवाधानियों को बावजूद ये गलती से मिस सेलिंग हो ही जाए तो फ्री लुक पीरियड में पॉलिसी रिटर्न कर सकते हैं, बीमा रेगुलेटर आईआरडीए से इसकी शिकायत कर सकते हैं। ये शिकायत http://www.igms.irda.gov.in/ पर ऑनलाइन की जा सकती है। अगर आपने बैंक से पॉलिसी ली है तो बैकिंग लोकपाल से शिकायत की जा सकती है।
आपको बता दें कि बैंकिंग लोकपाल को ज्यादा ताकतवर बनाया गया है। आरबीआई ने बैंकिंग लोकपाल को और ताकत दी है। बैंक से बिकने वाले सभी प्रोडक्ट्स बैंकिंग लोकपाल के दायरे में आ गए हैं। इंश्योरेंस मिस सेलिंग होने पर अब ग्राहक बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। बैंक बीमा, म्युचुअल फंड जैसे प्रोडक्ट भी बेचते हैं इस लिए ग्राहकों की शिकायतों पर लोकपाल एक्शन ले सकेगा।