Delhi Blast: "असली काम शाम 4 बजे के बाद", लाल किला विस्फोट की आरोपी डॉ. शाहीन के बारे में बड़ा खुलासा

Delhi Car Blast: अलफलाह यूनिवर्सिटी को अब NAAC ने नोटिस भेजा है। संस्थान ने लाल किले पर हुए हमले से खुद को अलग कर लिया है और जांच में सहयोग करने और "राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता" का वादा किया है। इस हफ्ते की शुरुआत में सईद की पहचान पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह की महिला शाखा की प्रमुख के रूप में हुई थी

अपडेटेड Nov 13, 2025 पर 5:34 PM
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Delhi Blast: "असली काम शाम 4 बजे के बाद", लाल किला विस्फोट की आरोपी डॉ. शाहीन के बारे में बड़ा खुलासा

दिल्ली लाल किला विस्फोट मामले में मुख्य संदिग्ध डॉ. शाहीन सईद के बारे में अब तक कई नए खुलासे हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन अक्सर अपने “काम” के बारे में रहस्यमयी तरीके में बात करती थी। उसका असली काम शाम 4 बजे के बाद शुरू होता था, जब वो फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में अपनी “डे जॉब” खत्म कर लेती थी। जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सईद के पास एक माला, जिसे इस्लाम में मिस्बाहा या तस्बीह कहा जाता है, और एक हदीस किताब (पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं का संग्रह) भी थी।

NDTV ने एक सहकर्मी के हवाले से डॉ. शाहीन के 'अजीब व्यवहार' के बारे में बताया। उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वह संस्थान के नियमों का पालन नहीं करती थीं और अक्सर बिना किसी को बताए चली जाती थीं।

अलफलाह यूनिवर्सिटी को अब NAAC ने नोटिस भेजा है। संस्थान ने लाल किले पर हुए हमले से खुद को अलग कर लिया है और जांच में सहयोग करने और "राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता" का वादा किया है।


इस हफ्ते की शुरुआत में सईद की पहचान पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह की महिला शाखा की प्रमुख के रूप में हुई थी। खुफिया जानकारी से पता चलता है कि 2001 में संसद पर हुए हमले और 2019 के पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद ही इस स्पेशल सेल को चला रहा था।

लखनऊ के लाल बाग की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। इससे कुछ घंटे पहले ही आतंकी संगठन के चौथे सदस्य उमर मोहम्मद ने विस्फोटकों से भरी हुंडई i20 कार को लाल किले के पास उड़ा दिया था, जिसमें वह और 13 अन्य लोग मारे गए थे। DNA टेस्ट से उसकी लाश की पहचान की गई थी।

खुफिया सूत्रों के अनुसार, सईद पहले कानपुर मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग की प्रमुख थीं। बाद में उनका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज कर दिया गया।

सईद से पहले दो और संदिग्धों - डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. आदिल अहमद राथर को गिरफ्तार किया गया था, जिससे जांच में 'व्हाइट कॉलर टेरर' की चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई।

संदिग्धों की ओर से इस्तेमाल की गई कम से कम दो कारें शाहीन से जुड़ी पाई गई हैं - एक मारुति स्विफ्ट डिजायर, जिसमें से पुलिस ने एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद बरामद किया है, और एक मारुति ब्रेजा, अगर पुलिस ने आतंकवादी समूह की पहचान नहीं की होती, तो मारुति ब्रेजा कार ही बम पहुंचाने के वाली गाड़ी होती।

सूत्रों ने बताया कि सईद ब्रेजा कार खुद चलाती थी, जबकि डिजायर का इस्तेमाल मुख्य रूप से शकील करता था, जिसके घर से पुलिस ने लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद किया था।

डिजायर कार को सोमवार को जब्त कर लिया गया; कार में एक असॉल्ट राइफल और गोलाबारूद पाया गया।

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