Jharkhand SIR: बिहार के बाद अब झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में वोटर लिस्ट के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान शुरू होने वाला है। इसकी कवायद तेज कर दी गई है। झारखंड में इस पर सियासत तेज हो गई है। झारखंड विधानसभा ने हाल ही में SIR के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने SIR का कड़ा विरोध किया है। JMM ने गुरुवार को कहा कि बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के दौरान एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं मिला। इस सर्वे का क्या मतलब रह गया है।
रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 27 अक्टूबर को 12 राज्यों में SIR की घोषणा की गई। इन राज्यों में असम को छोड़कर SIR का ऐलान किया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के टॉप टू बॉटम घुसपैठिये रोहि़ग्या का राग अलाप रहे हैं। लेकिन बिहार में चुनाव हो गया। मगर एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं मिला। जेएमएम नेता ने कहा कि बांग्लादेश से सबसे ज्यादा सीमा लगने वाले राज्य असम में SIR लागू नहीं होगी। उन्होंने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।
झारखंड में वोटर लिस्ट के SIR की तैयारियों को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के. रवि कुमार ने सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। उन्होंने जोर देकर कहा कि एसआईआर से पहले वर्तमान वोटर लिस्ट को 2003 की लिस्ट के साथ पूरी तरह मैप करना अनिवार्य है। सीईओ ने कहा कि मैपिंग प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए बीएलओ ऐप और भौतिक दस्तावेज दोनों का उपयोग करते हुए सावधानीपूर्वक काम किया जाए।
उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं का नाम 2003 की लिस्ट में किसी अन्य राज्य में दर्ज है, वे संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट से अपना डिटेल्स डाउनलोड कर सकते हैं। वहीं, जिनका 2003 की लिस्ट में नाम नहीं है लेकिन माता-पिता का नाम मौजूद है। उनका डिटेल्स बीएलओ द्वारा निकालकर वर्तमान लिस्ट में जोड़ा जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने एसआईआर के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित बैठक और समन्वय पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पैतृक मैपिंग हेल्पडेस्क स्थापित किए जाएं ताकि मतदाता आसानी से अपने डिटेल्स की जांच और सुधार कर सकें। इसके लिए हेल्पडेस्क मैनेजर, कंप्यूटर ऑपरेटर और अधिकारी पूरी तरह तैयार रहें। उन्होंने कहा कि एसआईआर से पहले लिस्ट की सही और त्रुटिरहित मैपिंग सुनिश्चित होगी कि हर मतदाता अपने अधिकार का सही इस्तेमाल कर सके। सीईओ ने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सभी दस्तावेजों को स्थायी रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखने और 2003 की सूची समेत अन्य दस्तावेजों को डिजिटल और नॉन-डिजिटल रूप में संरक्षित करने का निर्देश भी दिया।