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by Roopali Sharma | jul  16,  2025

रेट्रो वॉकिंग क्या है ?

रेट्रो वॉकिंग, जिसे पीछे की ओर चलना भी कहा जाता है,एक व्यायाम है जिसमें व्यक्ति आगे की बजाय पीछे की ओर चलता है|

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जब हम उल्टा चलते हैं जिसकी आदत नहीं है तो दिमाग को मसल्स को ढंग से सिग्नल देने पड़ते हैं। इससे दोनों के बीच का कनेक्शन मजबूत होता है।

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रेट्रो वॉकिंग से मानसिक तीक्ष्णता और एकाग्रता में सुधार हो सकता है

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मानसिक तीक्ष्णता और एकाग्रता

रेट्रो वॉकिंग से पैरों, कूल्हों और पीठ की मांसपेशियों में ताकत और संतुलन में सुधार होता है।

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मांसपेशियों में ताकत

रेट्रो वॉकिंग सामान्य चलने की तुलना में अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद कर सकती है|

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कैलोरी बर्न

रेट्रो वॉकिंग हृदय स्वास्थ्य में सुधार, पाचन में सुधार और तनाव कम करने में भी मदद कर सकती है|

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स्वास्थ्य सुधार

सामान्य चलने के मुकाबले पीछे की तरफ चलने में ज्यादा मेहनत लगती है।यह वजन कम करने में नॉर्मल वॉकिंग से ज्यादा बेहतर है और जल्दी असर दिखा सकती है।

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वजन कम करने में

उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों का स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है ।रेट्रो वॉकिंग से इनका प्रेशर कम होने लगता है और अकड़न दूर होती है।

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जोड़ों का प्रेशर कम

रेट्रो वॉकिंग करने से बॉडी अवेयरनेस बढ़ती है। अगर आप तनाव या एंग्जायटी के शिकार हैं तो इसे जरूर अपनाकर देखें।

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बॉडी अवेयरनेस

जब आप रेट्रो वॉकिंग करना सीख जाएं तो इसमें थोड़ा बदलाव लेकर आएं। क्योकि रिजल्ट बढ़ाने के लिए आपको रोजाना खुद को कंफर्ट जोन से बाहर निकालना होता है।

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कंफर्ट जोन

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