रुपये में उतार-चढ़ाव और फाइनेंशियल प्लानिंग
आज के समय में नौकरी या बिजनेस करना काफी नहीं है, रोजमर्रा के खर्चों के अलावा भविष्य की प्लानिंग बहुत जरूरी है। सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नियमित निवेश बहुत जरूरी है। कहां करें निवेश, क्या है आपके लिए निवेश की सही स्ट्रेटजी, कैसे आपका 1 रुपया बढ़कर 10 रुपया बनेगा। इन्हीं सब बातों पर अपने सुझाव और टिप्स दे रहे हैं, बोनांजा पोर्टफोलियो के वेल्थ मैनेजमेंट एंड फाइनेंशियल प्लानिंग हेड अचिन गोयल।
लेकिन सबसे पहले बात करते हैं डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये और बढ़ती महंगाई की। बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा असर जेब पर पड़ता है। कितनी भी कमाई हो, महंगाई का असर दिखता ही है। साथ ही, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का भी असर सीधे तौर पर महंगाई और फिर हमारी और आपकी जेब पर दिखता है। सिर्फ जेब ही नहीं, इसका असर आपके निवेश और भविष्य की प्लानिंग पर भी पड़ता है। कैसे गिरता रुपया आपकी आमदनी को अठन्नी बना देता है और कैसे आप अपने पोर्टफोलियो को इस के असर से बचा सकते हैं, यहां इसी पर मुद्दे पर की जा रही है खास चर्चा।
महंगाई बढ़ने से रुपये की कीमत कम हो रही है। रुपये में कमजोरी की वजह से डॉलर में आय होने के कारण आईटी और फार्मा कंपनियों को तो फायदा होता है। लेकिन पेंट, प्लास्टिक, एफएमसीजी जैसी इंपोर्ट पर निर्भर कंपनियों को नुकसान होता है। इसके अलावा ज्यादा विदेशी कर्ज वाली कंपनियों पर भी दबाव पड़ता है।
रुपये में कमजोरी के असर से बचने के लिए सभी तरह की कंपनियां पोर्टफोलियो में रखें, एक्सपोर्ट और इंपोर्ट दोनों पर निर्भर कंपनियों के स्टॉक लें, अपने निवेश को इक्विटी से शॉर्ट टर्म डेट फंड में बदलें। इस तरह से जोखिम कम करने में मदद मिलेगी और रुपये के उतार-चढ़ाव का असर कम होगा।
अब शुरू करते है सवाल-जवाब की सिलसिला।
सवाल: मेरी उम्र 54 साल है। मैं 60 साल की उम्र में केरल में सेटल होना चाहते हैं। सरकारी नौकरी में हैं इसलिए इलाज का पूरा खर्चा मिलता है। क्या 54 साल की उम्र में भारतीय इंश्योरेंस कंपनी से मेडिक्लेम पॉलिसी मिलेगी? कई कंपनियों से बात की लेकिन उन्होंने बताया कि मौजूदा बीमारियों के इलाज का खर्च नहीं मिलेगा। अगर कंपनियां हमें सपोर्ट नहीं करती हैं तो 60 साल की उम्र के बाद इलाज के खर्चों के लिए एनआरआई क्या करें? क्या 15 लाख रुपये एफडी कर दें और मासिक ब्याज दवा पर खर्च करें और मूल रकम बड़े ट्रीटमेंट के लिए रखना ठीक रहेगा?
जवाब: कई ऐसे प्लान हैं जिनमें 70 साल की उम्र के लोगों को भी कवर मिलता है। इनमें बजाज अलायंज सिल्वर हेल्थ प्लान शामिल है। इसके अलावा आप स्टार सीनियर सिटीजन रेड कारपेट पॉलिसी भी ले सकते हैं। आपको बता दें कि मौजूदा बीमारियों पर 48 महीनों तक कवर नहीं मिलता। इसके लिए कंपनी की पॉलिसी लगातार 48 महीने रखना जरूरी होता है। 48 महीनों के बाद मौजूदा बीमारियों पर कवर मिलता है। लेकिन कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट, डेंटल ट्रीटमेंट पर कवर नहीं मिलता। ये जरूरी नहीं है कि सिर्फ मेडिकल इंश्योरेंस होने से पूरा क्लेम मिले। आपके लिए मेडिकल इमरजेंसी फंड रखना जरूरी
है। आप 15-20 लाख रुपये का मेडिकल इमरजेंसी फंड बनाएं और इमरजेंसी फंड के पैसे लिक्विड फंड में लगाएं।आपके लिए ये बेहतर होगा कि आप एफडी के बजाय लिक्विड फंड में पैसे लगाएं। एफडी पर टीडीएस लागू होता है और मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर जुर्माना लगता है। आप अपने रेगुलर मेडिकल खर्चों का भी इंतजाम करें।
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