
टैक्स गुरु: सुलझाएं टैक्स से जुड़ी आपकी उलझन
अगर टैक्स का मतलब आपके लिए टेंशन है तो जुड़िए टैक्स गुरु के साथ। क्योंकि टैक्स गुरु आपकी इसी टेंशन को दूर करके टैक्स को आपके लिए बनाता है और भी आसान, तो आइए टैक्स एक्सपर्ट सुभाष लखोटिया से सुलझाते हैं टैक्स से जुड़ी आपकी उलझन।
सुभाष लखोटिया का कहना है कि टैक्सपेयर्स जल्द ये जल्द बकाया चुका दें और टैक्स चुकाने से पहले टीडीएस एडजस्ट करना ना भूलें। टैक्सपेयर्स याद रखें कि हार्डशिप कंपेनसेशन पर टैक्स की देनदारी नहीं बनती। इसमें शिफ्टिंग चार्ज रिइंबर्समेंट अन्य स्त्रोत से आय माना जाएगा। लेकिन शिफ्टिंग पर किए गए खर्च के एवज में टैक्स छूट मिल सकती है। ब्रोकरेज कंपेनसेशन भी टैक्सेबल होता है, लेकिन इसपर वास्तविक खर्च पर टैक्स छूट मिलेगी।
सुभाष लखोटिया के मुताबिक अगर वित्त वर्ष 2015 के दौरान आपके पास एक ही फ्लैट था, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म 1 में ही भर सकते हैं। वहीं अगर आप 182 दिनों से ज्यादा समय तक विदेश में रहते है तो आपको एनआरआई का दर्जा दिया जाता है और ऐसे एनआरआई को आईटीआर -1 में रिटर्न भरने की जरुरत होती है।
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