बजट से एमएसएमई कोराबारी खुश
देश के छोटे और मझोले उद्यमी इस बार के बजट से खुश दिखाई दे रहे हैं। खासकर 50 करोड़ रुपये तक के कारोबार में लगने वाले कॉरपोरेट टैक्स पर 5 फीसदी की छूट ने नोटबंदी के जख्मों पर मरहम लगाया है। नोटबंदी की चोट खाए एमएसएमई सेक्टर यानि छोटे और मझोले उद्यमियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में 5 फीसदी की छूट बड़ी राहत है। एमएसएमई का देश की मैन्यूफैक्चरिंग में करीब 45 फीसदी और एक्सपोर्ट में 40 फीसदी का योगदान है। ये सेक्टर आने वाले 5-6 महीनों में बेहतर माहौल की उम्मीद कर रहा है।
बजट में हुई घोषणा के मुताबिक एमएसएमई सेक्टर में जिन कंपनियों का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम है उनको अब 30 फीसदी की बजाय 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। इस फैसले ने छोटे और मध्यम कारोबारियों को नया उत्साह दिया है। देश के 96 फीसदी उद्योग एमएसएमई हैं और उन्हें टैक्स छूट का फायदा होगा। लेकिन इसके अलावा सरकार ने एमएसएमई को मिलने वाली क्रेडिट गारंटी स्कीम की सीमा भी एक करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दी है। सस्ते कर्ज देने वाली मुद्रा योजना का टार्गेट भी 2.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बजट के सामान्य प्रावधानों की वजह से भी मांग में तेजी आएगी और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।