MSP में बढ़ोतरी से बढ़ा रुझान, कपास किसानों की बल्ले-बल्ले !
इस साल कॉटन की फसल बंपर होने वाली है। सिर्फ गुजरात में ही पैदावार 30 फीसदी ज्यादा रह सकती है। अनुमान के मुताबिक इस साल देश में कॉटन उत्पादन 390 लाख गांठ पहुंच सकता है।
गुजरात पर इस बार इंद्रदेव की मेहरबानी से कपास किसान काफी खुश हैं। प्रदेश में पूरे सीजन में इसबार जरूरत से ज्यादा 145 फीसदी बारिश हुई। बारिश ज्यादा होने से बुआई का रकबा तो घटा लेकिन फसल बंपर हो गई।
गुजरात में कपास की बुआई पर नजर डालें तो 2018-19 में गुजरात में 27.1 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई थी जो 2019-20 में घटकर २6.6 लाख हेक्टेयर रह गई। बुआई के रकबे में 1 परसेंट की कमी रही लेकिन अनुमान के मुताबिक उत्पादन 30 फीसदी ज्यादा हो सकता है। पूरे देश की बात करें तो इसबार करीब 380 से 390 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है।
हालांकि नवंबर के पहले हफ्ते में भारी बारिश से कपास की क्वालिटी पर असर पड़ा है। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि शुरु में आने वाली फसल की क्वालिटी थोड़ी खराब रह सकती है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने से भी कपास की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है। अनुमान के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इसबार 42 लाख गांठ ज्यादा कपास उत्पादन हो सकता है।
कॉटन के कारोबारियों का कहना है कि उत्पादन बढ़ने के कारण कीमतों को बनाये रखने के लिए सीसीआई को सावचेती से खरीदारी करनी होगी ताकि लोकल सप्लाई भी ठीक से हो सके और कॉटन का एक्सपोर्ट भी ठीक से हो सके।
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