अडानी गैस लिमिटेड (Adani Gas Ltd) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका मिला है। अडानी गैस लिमिटेड ने अहमदाबाद जिले के तीन इलाकों में PNG और CNG गैस वितरण की सप्लाई के लिए हुई नीलामी प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसे कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। यह नीलामी अहमदाबाद के साणंद, बावला और ढोलका में गैस वितरण के लिए हुई थी।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोलियम और नैचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB)की तरफ से इन इलाकों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क की स्थापना और संचालन के लिए गुजरात गैस लिमिटेड को दिए अधिकार को भी बरकरार रखा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अडानी गैस लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
DHFL केस: यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर की पत्नी, दो बेटियों को जमानत देने से बॉम्बे HC का इंकार
इससे पहले 2018 में गुजरात हाईकोर्ट ने भी अहमदाबाग के तीन इलाकों में PNG और CNG गैस की सप्लाई के लिए हुई नीलामी को चुनौती देने वाली अडानी गैस की याचिका को खारिज किया था। इस नीलामी को 2016 में PNGRB ने कराया था, जिसमें अडानी गैस को सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी गुजरात गैस से हार मिली थी।
2006 में PNGRB एक्ट आने से पहले गुजरात सरकार ने अडानी गैस को अहमदाबाद जिले में गैस वितरण की मंजूरी दी थी। हालांकि सरकार ने यह शर्त रखी थी कि भविष्य में इस संबंध में कोई कानून आने पर यह मंजूरी वापस ली जा सकती है।
PNGRB एक्ट के सेक्शन 16 के मुताबिक कंपनी के पास अगर किसी इलाके में अपना कार्य जारी रखने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं है, तो उसे PNGRB से उसकी अनुमति लेनी होगी। इस नियम के तहत अडानी गैस ने 2013 में PNGRB से संपर्क कर पूरे अहमदाबाद जिले में गैस वितरण से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की मंजूरी मांगी थी।
हालांकि PNGRB ने अडानी गैस को मंजूरी देते समय अहमदाबाद के साणंद, बावला और ढोलका इलाके को इससे बाहर रखा। बाद में PNGRB ने इन इलाकों में गैस वितरण के लिए 2016 में बोलियां मंगाई , जिसमें गुजरात गैस विजेता बनकर उभरी और अडानी गैस हार गई।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए बढ़ाई गई तारीख का इंतजार करना ठीक नहीं
इसके बाद अडानी गैस ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख करते हुए इस नीलामी प्रक्रिया और PNGRB की तरफ से तीन इलाकों को बाहर रखने के फैसले को चुनौती दी। हालांकि पहले हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अडानी गैस की इस मामले में याचिका खारिज कर दी है।