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भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी कमजोर, लेकिन क्रेडिट डिमांड में आ रही तेजी: Bank of America
अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी कमजोर है और इसमें यह कमजोरी FY2021 में बरकरार रहने की आशंका है
अपडेटेड Jan 16, 2021 पर 10:25 | स्रोत : Moneycontrol.com

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार, RBI सहित दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां और ब्रोकरेज फर्म भारत में उम्मीदों से भी अधिक तेज इकोनॉमिक रिकवरी होने का दावा और अनुमान लगा रहे हैं। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था में केवल 7.5% की गिरावट आएगी। बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के एक्टिविटी इंडिकेटर में नवंबर में 0.6% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अक्टूबर में यह गिरावट 0.8% और सितंबर तिमाही के दौरान यह गिरावट 4.6% थी। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि भारत के एक्टिविटी इंडिकेटर में गिरावट यह दर्शाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था अभी भी कमजोर है।
बैंकिंग सेक्टर का क्रेडिट ग्रोथ 6.2% रहने का अनुमान
ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने कहा कि भारत के बैंकिंग सेक्टर का क्रेडिट ग्रोथ वित्त वर्ष 2021 में 6.2% रहने का अनुमान है। वहीं, वित्त वर्ष 2022 में यह बढ़कर 12% तक पहुंच जाएगा। फर्म का कहना है कि WPI आधारित लेंडिंग रेट्स में कमी आना वित्त वर्ष 2022 में बैंकों के तेज क्रेडिट ग्रोथ का प्रमुख कारण बनेंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में महांगाई के कारण RBI ने पिछली तीन तिमाहियों में इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसमें कहा गया है कि MCLR मार्च 2019 से ही 1.45% नीचे है। वहीं, WPI को समायोजित करने के बाद वास्तविक MCLR 1.50% कम है। वहीं, नवंबर, 2020 में WPI Inflation 2.3% से बढ़कर 3.1% तक पहुंच गया।
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