Aadhar Card को Voter ID से लिंक करने के लिए जल्द आ सकता है कानून, जानें क्या होगा फायदा
CEC सुशील चंद्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि ये नियम बहुत जल्द लागू होगा, क्योंकि हमने इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज दिया है। हमने फॉर्म भी भेज दिए हैं
अपडेटेड May 14, 2022 पर 9:23 PM | स्रोत :Moneycontrol.com
Aadhar Card को Voter ID से लिंक करने के लिए जल्द आ सकता है कानून
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने कहा कि सरकार आधार कार्ड (Aadhar Card) को मतदाता सूची (Electoral Roll) से जोड़ने पर नियम जल्द ही जारी कर सकती है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए आधार की जानकारियां साझा करना खुद की इच्छा होगी, लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों को इसके 'सही कारण' बताने होंगे।
चंद्रा ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने उन पांच राज्यों में वैक्सीन अभियान में तेजी लाने में अहम भूमिका निभायी, जहां इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया, ताकि मतदाता और चुनाव ड्यूटी में शामिल लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित रहें। चंद्रा शनिवार की शाम को रिटायर हो रहे हैं।
उन्होंने PTI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि बतौर CEC उनके कार्यकाल में जो दो प्रमुख चुनावी सुधार हुए, उनमें 18 साल की उम्र वाले मतदाताओं को रजिस्टर्ड कराने के लिए एक के बजाय साल में चार तारीख देने का प्रावधान। दूसरा मतदाता सूची में नकली नामों पर लगाम लगाने के लिए आधार कार्ड को मतदाता लिस्ट से जोड़ना शामिल है।
उन्होंने कहा, "दूसरा सबसे बड़ा सुधार आधार को मतदाता लिस्ट से जोड़ना है, ताकि नकली एंट्री पर रोक लगाई जा सके। इससे मतदाता लिस्ट साफ-सुथरी हो जाएगी और ज्यादा मजबूत बनेगी।"
जल्द लागू हो सकता है नियम
यह पूछने पर कि सरकार कब नियमों को लागू करेगी? चंद्रा ने कहा, "मुझे लगता है कि बहुत जल्द.... क्योंकि हमने इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज दिया है। हमने फॉर्म भी भेज दिए हैं, जिनमें बदलाव होने हैं और ये विधि मंत्रालय के पास हैं। मुझे लगता है कि बहुत जल्द इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। हमने भी अपना आईटी सिस्टम मजबूत किया है।"
यह पूछने पर कि क्या आधार की जानकारियां अपनी इच्छा से शेयर की जा सकती हैं? उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा, "यह अपनी इच्छा से होगा। मगर मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी। इस वजह में, आधार न होना या उसके लिए आवेदन न करना या कोई दूसरी वजह हो सकती है।"
चंद्रा का मानना है कि आधार नंबर शेयर करने से मतदाता लिस्ट को गल्ती होने से बचाने में मदद मिलेगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि चुनाव आयोग अपनी संचार प्रणाली के जरिए मतदाताओं को ज्यादा सेवाएं मुहैया कराए।
बतौर CEC सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे 'मुश्किल' चुनौती Covid-19 के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और अलग-अलग उपचुनाव कराने की थी।