युवा आबादी और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के दम पर अगले 50 साल में भारत की संपत्ति 1,000 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यह भरोसा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने जताया है। चौहान अहमदाबाद के पास भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) के 23वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “भारत अगले 50 साल में युवा आबादी, तीव्र प्रौद्योगिकी विकास और अपने उद्यमियों के दम पर बहुत तरक्की करने जा रहा है। अगले 50 वर्षों में भारत की संपत्ति में 1,000 प्रतिशत यानि दस गुना वृद्धि होने जा रही है।”
इसके साथ ही उन्होंने यह स्वीकार किया कि भारत में अभी भी गरीबी, अशिक्षा, खराब आवास, रहने की स्थिति, भोजन, पानी, स्वच्छता की कमी और अपर्याप्त हेल्थकेयर जैसी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं। उन्होंने संस्थान से पास होकर निकल रहे छात्रों से ‘बदलाव के एजेंट’ बनने और बदलाव लाने के लिए इनोवेटिव और कॉस्ट इफेक्टिव समाधान खोजने का अनुरोध किया।
अगले 50 वर्षों में अपार वेल्थ क्रिएट करने में सक्षम होगा भारत
चौहान के मुताबिक, तकनीकी प्रगति की मदद से भारत अगले 50 वर्षों में अपार वेल्थ क्रिएट करने में सक्षम होगा। अगले 5 दशकों में जो वेल्थ क्रिएट होगी, वह पिछले 10,000 वर्षों में क्रिएट हुई वेल्थ से भी अधिक होगी। चौहान ने कहा, "भारत अन्य देशों की तुलना में अधिक वेल्थ क्रिएट करने में सक्षम होगा। इसके कई कारण हैं, जैसे कि हमारी युवा जनसंख्या और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल। यूरोपीय देशों के साथ-साथ जापान और चीन भी बूढ़े हो रहे हैं। यदि भारतीय वहां जाना बंद कर दें, तो अमेरिका भी बूढ़ा हो सकता है। दूसरी ओर भारत में 20 प्रतिशत युवा हैं।"
"यदि वे अगले 50 वर्षों में विश्व की 25 प्रतिशत वेल्थ क्रिएट करते हैं तो भारत, जिसे वर्तमान में एक गरीब देश माना जाता है, उच्च आय वर्ग में आ जाएगा। वर्तमान में हमारा प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बहुत कम है। अगले 50 वर्षों में हम अमीर देशों की श्रेणी में आ सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण आम लोग भी अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं। तकनीक अब लोगों को बहुत कम पूंजी के साथ अपना व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बना रही है।