Biplab Deb Resigns: त्रिपुरा में BJP के पहले मुख्यमंत्री ने चुनाव से सालभर पहले क्यों दिया इस्तीफा, अब आगे क्या?
Biplab Deb Resigns: BJP की त्रिपुरा इकाई में अंदरूनी कलह की अफवाहों का दौर चल रहा है। त्रिपुरा की 60 सीटों वाली विधानसभा में अगले साल चुनाव होने हैं
अपडेटेड May 14, 2022 पर 5:36 PM | स्रोत :Moneycontrol.com
त्रिपुरा में BJP के पहले मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने चुनाव से पहले क्यों दिया इस्तीफा (FILE PHOTO)
त्रिपुरा (Tripura) के मुख्यमंत्री बिप्लब देब (Biplab Kumar Deb) के इस्तीफे के साथ, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले एक और राज्य का मुख्यमंत्री बदलने का फैसला किया है। बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को घोषणा की कि उन्होंने राज्यपाल एसएन आर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
देब ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। बीजेपी की त्रिपुरा इकाई में अंदरूनी कलह की अफवाहों का दौर चल रहा है। त्रिपुरा की 60 सीटों वाली विधानसभा में अगले साल चुनाव होने हैं।
News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बिप्लब देब को संगठन में शामिल किए जाने की संभावना है। आज रात 8 बजे पार्टी की विधायक दल की बैठक में एक नए मुख्यमंत्री का चुनाव होने वाला है।
वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर त्रिपुरा भेजा गया है। बिप्लब देब से पहले कुछ इसी तरह उत्तराखंड, कर्नाटक और गुजरात में भी पार्टी के मुख्यमंत्रियों ने अचानक इस्तीफा दिया था।
बिप्लब को हटाना क्यों हो गया था जरूरी?
सूत्रों ने कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से प्रशासन और रैंकों में असंतोष को लेकर मिल रही रिपोर्ट के बाद देब को हटाना जरूरी हो गया था।
त्रिपुरा में पार्टी के सहयोगी, इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) ने भी केंद्रीय नेतृत्व को देब को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी। राज्य समिति के पुनर्गठन को लेकर IPFT में कलह ने चुनाव से एक साल पहले त्रिपुरा की राजनीति को हिला कर रख दिया है। कहा जा रहा है कि TIPRA मोठ के प्रद्युत किशोर देब बर्मन भी आदिवासी सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं।
बिप्लब देब ने त्रिपुरा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पार्टी 2018 में पहली बार राज्य की सत्ता में आई थी। तब इसने CPI (M) सरकार को उखाड़ फेंका था, जिसने राज्य में दो दशकों से ज्यादा समय तक शासन किया था।