Family Pension Rules: केंद्र सरकार ने फैमिली पेंशन को लेकर नियम साफ कर दिये हैं। ऐसे मामलों में जहां 2 या ज्यादा वाइफ होती हैं, तो पेंशन देने में दिक्कतें पेश आ रही थी। दिक्कत तब ज्यादा होती थी, जब 2 पत्नियों में से एक की मृत्यु हो जाती है। तब सरकार ने साफ कर दिया है कि उस मामले में पेंशन बच्चों को दी जाएगी। अभी तक ऐसे मामलों में पत्नियां और परिवार कोर्ट पहुंच जाता था।
सरकार ने ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए फैमिली पेंशन के नियमों क्लीयर कर दिया है। ताकि, किसी भी तरह का कन्फ्यूजन न हो। ये सरकार ने साफ कर दिया है कि पेंशन कानूनी तौर पर शादीशुदा पत्नी को ही मिलेगा। पहली पत्नी या दूसरी पत्नी की मृत्यु के मामले में पेंशन उस पत्नी के बच्चों की दी जाएगी।
नियमों के मुताबिक सबसे पहले फैमिली पेंशन का हक विधवा या विधुर (widow/widower) को होता है। अगर वे नहीं हैं, तो यह योग्य बच्चों, आश्रित माता-पिता और विकलांग भाई-बहनों को दिया जाएगा।
दूसरी पत्नी को ऐसा होने पर नहीं मिलेगी पेंशन
सरकार ने साफ किया है कि विधवा/विधुर शब्द का मतलब केवल कानूनी रूप से शादीशुदा जीवनसाथी से है। यानी अगर किसी की दूसरी शादी कानून के अनुसार मान्य नहीं है, तो दूसरी पत्नी को पेंशन का हक नहीं मिलेगा।
दो पत्नियों के मामले में क्या होगा
नियम 50(8)(c) के तहत अगर किसी कर्मचारी की दो कानूनी पत्नियां हैं, तो फैमिली पेंशन दोनों में बराबर बांटी जाएगी। अगर किसी एक पत्नी की मृत्यु हो जाती है या वह पात्र नहीं रहती, तो उसका हिस्सा उसके बच्चों को दिया जाएगा।
विभाग ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी ने पहली शादी खत्म किए बिना दूसरी शादी की है, तो यह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के खिलाफ है। ऐसे मामलों में पेंशन को लेकर विवाद पैदा होते हैं, जो कई बार अदालतों या ट्रिब्यूनलों तक पहुंच जाते हैं। इसलिए सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में कानूनी सलाह लेने के बाद ही फैसला लिया जाए, ताकि परिवार के सदस्यों को पेंशन मिलने में देरी या विवाद न हो।