Rare Earth Minerals: रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन में चीन कैसे बना दुनिया में नंबर वन?

चीन ने दुनियाभर से रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई हासिल करने के लिए अपनी पॉलिसी में बदलाव किया। उसने दुनिया की बड़ी कंपनियों से मुकाबले के लिए अपनी कंपनियों की सहायता की। इससे 2010 तक अमेरिकी कंपनियां अपना बोरिया-बिस्तर समेटने को मजबूर हो गईं

अपडेटेड Jun 17, 2025 पर 6:10 PM
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1995 में रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन में चीन और अमेरिका एक जैसी स्थिति में थे। लेकिन, 2024 तक चीन का उत्पादन अमेरिका के मुकाबले छह गुना हो गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ एक वजह से टैरिफ पर बातचीत करने को तैयार हुए। वह वजह रेयर अर्थ मिनरल्स है। चीन ने ट्रंप को बातचीत के लिए मजबूर कर दिया, क्योंकि वह (चीन) रेयर अर्थ मिनरल्स का सबसे बड़ा सप्लायर है। दुनिया में 90 फीसदी रेयर अर्थ मिनरल्स का उत्पादन चीन में होता है। चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई घटाते हैं दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक कार और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स बनाने वाली कंपनियों की सांसें थमने लगीं। सबसे ज्यादा घबराहट अमेरिकी कंपनियों में थी। सवाल है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन में इतना मजबूत कैसे बन गया?

चीन का रेयर अर्थ मिनरल्स का व्यापार तीन दशकों में 9 गुना हो गया

चीन का रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) का व्यापार बीते तीन दशकों में 9 गुना हो गया है। आज अमेरिका, इंडिया जैसी कंपनियां इसकी सप्लाई के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर हैं। हैरानी की बात यह है कि बीते तीन दशकों में इंडिया में रेयर अर्थ एलिमेंट्स की उत्पादन क्षमता सिर्फ 16 फीसदी बढ़ी है। USGS के डेटा के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है। लेकिन, चीन को रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन में अव्वल बनने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।


चीन ने ऐसे बनाई दुनिया में अपनी बादशाहत

चीन ने दुनियाभर से रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई हासिल करने के लिए अपनी पॉलिसी में बदलाव किया। उसने दुनिया की बड़ी कंपनियों से मुकाबले के लिए अपनी कंपनियों की सहायता की। इससे 2010 तक अमेरिकी कंपनियां अपना बोरिया-बिस्तर समेटने को मजबूर हो गईं। सरकार की मदद से चाइनीज कंपनियों ने धीरे-धीरे रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई चेन में अपनी मजबूत पकड़ बना लीं। यही वजह है कि ट्रंप के टैरिफ पर अड़ियल रुख अपनाने के बाद चीन ने जब रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई घटाई तो इसका असर दुनियाभर में महसूस किया गया।

2024 तक अमेरिका के मुकाबले चीन का उत्पादन छह गुना

चीन ने पहले रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन में अपनी स्थिति मजबूत बनाई। उसके बाद उसने सप्लाई चेन में भी अपनी बादशाहत बना ली। 1995 में रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन में चीन और अमेरिका एक जैसी स्थिति में थे। लेकिन, 2024 तक चीन का उत्पादन अमेरिका के मुकाबले छह गुना हो गया। इससे यह दुनियाभर में रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन का हब बन गया है। चीन की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2012 में इंडिया चीन से 78 फीसदी रेयर अर्थ मिनरल्स का आयात करता था। 2023 में यह बढ़कर 96.9 फीसदी हो गया।

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इंडिया में अर्थ मिनरल्स का तीसरा सबसे बड़ा रिजर्व

इंडिया के लिए उम्मीद की किरण यह है कि यहां दुनिया में रेयर अर्थ मिनरल्स का तीसरा सबसे बड़ा रिजर्व है। यह इंडिया के लिए बड़ा मौका है। अगर इंडिया इस रिजर्व का इस्तेमाल रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए करता है तो इससे यह कम से कम आत्मनिर्भर बन सकता है। आने वाला समय इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का है। इनका उत्पादन रेयर अर्थ मिनरल्स के बगैर नहीं हो सकता। इसलिए इंडिया को इस मामले में देर नहीं करनी चाहिए।

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