Image Credit: google

by shradha tulsyan | SEPT 4,  2025

किचन में गलती से भी ना करें काम, घर में फैलता है वास्तु दोष

गंदगी, जूठे बर्तन और टूटे फूटे बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, जिससे आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

Image Credit: istock

चूल्हा हमेशा दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होना चाहिए और सिंक, जल आदि जल के तत्व के लिए उत्तर-पूर्व में रखा जाए।

Image Credit: istock

सबसे अच्छा किचन दक्षिण-पूर्व दिशा में होता है। यदि यह संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम भी किया जा सकता है, लेकिन ईशान कोण में किचन रखना अशुभ माना जाता है।

Image Credit: istock

मकड़ी के जाले और पुरानी गंदगी से वास्तु दोष बढ़ता है, इसलिए इन्हें नियमित रूप से साफ करना जरूरी है ताकि नकारात्मक ऊर्जा न बचे।

Image Credit: istock

किचन के लिए पीला, नारंगी और लाल रंग शुभ माने जाते हैं। दीवारों को ऐसे रंगों में पेंट करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

Image Credit: istock

किचन में तुलसी का पौधा, कपूर की सुगंध और वास्तु क्रिस्टल जैसे प्राकृतिक उपाय दोष को कम करते हैं और ऊर्जा को संतुलित करते हैं।

Image Credit: istock

अगर किचन का द्वार घर के मुख्य द्वार के सामने है तो बीच में पर्दा लगाना चाहिए, जिससे नकारात्मक ऊर्जा को रोका जा सके।

Image Credit: istock

जानिए पीपल के पेड़ में पितरों के वास का क्या है धार्मिक महत्व
Find out More