Saiyaara OTT release: 18 जुलाई को सैयारा को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। आलम ये रहा है कि ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही और ऑडियंस के लिए शानदार रही है। फिल्म की लव स्टोरी और गाने हर किसी के दिल में बस गए। अब निर्देशक मोहित सूरी की सैयारा की ओटीटी रिलीज की ऑफिशियल अनाउंसमेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) ने कर दी है। फिल्म 12 सितंबर को ओटीटी पर रिलीज हो रही है। लेकिन इस फिल्म से पहले आप ओटीटी पर कुछ और खास...इमोशनल लव स्टोरीज की लुफ्त उठा सकते हैं।
7 दिसंबर 1962 को रिलीज हुई ‘साहेब बीबी और गुलाम’ का डायरेक्शन अबरार अलवी ने किया था। इस फिल्म में निर्देशक ने एक महिला की सेक्सुअल डिजायर को पर्दे पर दर्शाया था। उस दौर में इतने बोल्ड टॉपिक पर फिल्म बनाना तो दूर किसी के लिए सोच पाना भी गुनाह था, लेकिन गुरु दत्त की ये फिल्म कल्ट क्लासिक बन गई थी।
फिल्म ‘देवदास’ को संजय लीला भंसाली ने बनाया है। मेकर्स ने इसे बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दरअसल, इस फिल्म की हर एक जीत बेहद रॉयल थी। फिल्म में चंद्रमुखी (माधुरी दीक्षित) का कोठा बनाने में 12 करोड़ रुपये लगे थे। वहीं पारो (ऐश्वर्या राय) का महल बनाने में 3 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। फिल्म में देवदार, पारो, चंद्रमुखी की लव स्टोरी ने हर किसी को इमोशनल कर दिया था।
'रांझणा' बनारस की गलियों में बेस्ड एक लव स्टोरी है, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा था। 21 जून 2013 को रिलीज़ हुई इस फिल्म को आनंद एल राय ने बनाया था और स्क्रिप्ट हिमांशु शर्मा ने तैयार की थी। फिल्म में धनुष, सोनम कपूर, अभय देओल, स्वरा भास्कर और मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब लीड रोल में थे। फिल्म के एंड ने हर किसी का दिल तोड़ दिया था।
मुगल ए आजम को बनने में 16 साल से भी ज्यादा का समय लगा था। भारत की आजादी से पहले शुरू हुई यह फिल्म साल 1960 में रिलीज हो पाई थी। आजादी से पहले इस फिल्म पर प्रोड्यूसर सिराज अली हाकिम ने पैसा लगाया था. साल 1947 में भारत-पाक विभाजन के बाद फिल्म संकट में आ गई और के आसिफ का सपना भी लगभग बिखर गया था। फिल्म सलीम और अनारकली की शानदार लवस्टोरी पर बेस्ड थी।
प्यासा मूवी में गुरु दत्त के साथ वहीदा रहमान, माला सिन्हा, जॉनी वॉकर, लीला मिश्रा और सैय्यद रहमान खान जैसे एक्टर थे। फिल्म का स्क्रीन प्ले, स्टोरी सब कुछ गुरुदत्त ने तैयार किया था। प्रोड्यूस भी गुरु दत्त ने किया था। म्यूजिक एसडी बर्मन ने दिया था। प्यासा फिल्म को बनाने का आइडिया ’कशमकश’ नाम की कहानी से मिलने के बाद गुरु ने 1947-48 के दौरान यह कहानी लिखी थी।