Smriti Irani on Working Hour: पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी एक बार फिर टीवी पर वापस लौटी हैं। अपने फेमस शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' से टीवी के पर्दे पर एक बार फिर वापसी की है। वहीं हाल ही में स्मृति ईरानी ने वर्किंग टाइम को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी राय रखी है, साथ ही यह भी बताया कि इतने सालों बाद काम पर लौटना कितना मुश्किल रहा।
स्मृति ईरानी ने कही ये बात
हाल ही में माता-पिता बनने के बाद अभिनेताओं के काम के समय को लेकर सावाल उठाया है, जिसपर स्मृति ईरानी ने भी अपनी राय दी। यह चर्चा तब शुरू हुई जब खबरें आईं कि दीपिका पादुकोण ने बेटी दुआ के जन्म के बाद सिर्फ 8 घंटे की शिफ्ट में काम करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इंडस्ट्री में काम शुरू किया था, तब और अब में बहुत फर्क आ गया है। अब तकनीक काफी बेहतर हो चुकी है, लेकिन लंबे काम के घंटे आज भी एक बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि हर रात एक एपिसोड देना बहुत मेहनत और अनुशासन मांगता है। उन्होंने आगे कहा कि, फिल्म उद्योग में पेशेवर रवैया, जिम्मेदारी और व्यक्तिगत फैसलों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, इसलिए वर्कलाइफ बैलेंस बनाए रखना जरूरी है।
टीवी इंडस्ट्री को लेकर कही ये बात
इंडिया टुडे से बातचीत में स्मृति ईरानी ने कहा, “मेरा मानना है कि पूरे टीवी इंडस्ट्री को अपने मार्केट वैल्यू को बढ़ाने के लिए नए तरीके तलाशने चाहिए। अक्सर हम रचनात्मकता पर इतना ध्यान देते हैं कि बाज़ार की अहमियत को नजरअंदाज कर देते हैं।” जब उनसे दीपिका पादुकोण के 8 घंटे की शिफ्ट वाले अनुरोध पर सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे पूरी तरह व्यक्तिगत मामला बताया और बेवजह के विवादों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “मैं इतनी नासमझ नहीं हूं कि ऐसी मूर्खतापूर्ण बहसों में उलझ जाऊं।”
अपनी कार्यशैली पर बात करते हुए स्मृति ईरानी ने बताया कि उन्होंने दो बार प्रेगनेंट होने के बावजूद शो में काम जारी रखा और एक युवा महिला डायरेक्टर का पूरा साथ दिया। उन्होंने कहा, “मैं अपने निर्माता को सफल बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित थी, क्योंकि एक युवा महिला डायरेक्टर के लिए इतना बड़ा और प्रतिष्ठित शो मिलना आसान नहीं था। एक अभिनेत्री के तौर पर, मेरा कर्तव्य था कि शो बिना रुके आगे बढ़ता रहे।”
स्मृति ईरानी ने पेशेवर जिम्मेदारियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “आज मैं समझती हूं कि अगर मैं अपने डायरेक्टर के लिए नियमित रूप से काम पर नहीं पहुंचती, तो उन्हें बड़ा नुकसान झेलना पड़ता और यह उनके साथ गलत होगा। अगर मैं सेट पर नहीं आती, तो उस दिन 120 लोगों की सैलरी नहीं मिल पाती, यानी 120 परिवार प्रभावित होते। इसलिए अपने काम और उसके प्रभाव को देखने का मेरा नजरिया अब बिल्कुल अलग है।”