Sania Mirza: बच्चों की परवरिश कोई आसान काम नहीं है और जब कोई सेलिब्रिटी पैरेंट होता है, तो चुनौतियां कई गुना बढ़ जाती हैं। पैपराज़ी कल्चर के साथ-साथ, एक स्टार माता-पिता के बच्चे से दुनिया की उम्मीदें भी बहुत ज़्यादा होती हैं। पूर्व टेनिस चैंपियन सानिया मिर्ज़ा इस बात को समझती हैं। आज, उनके और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक के बेटे इज़हान मिर्ज़ा मलिक भले ही सिर्फ़ सात साल के हों, लेकिन उन्होंने उनसे इस बारे में बात की है कि वह इन चीजों को कैसे हैंडिल करें।
न्यूज़18 से ख़ास बातचीत में सानिया ने कहा, "इज़हान का जन्म एक नामी परिवार में हुआ है। लोगों की नज़रें लगातार उस पर टिकी रहती हैं। उसके जन्म से पहले ही मुझसे पूछा जा रहा था कि वह क्रिकेट खेलेगा या टेनिस। मैं समझ सकती हूं कि यह सवाल क्यों उठ रहा है। मुझे पता है कि इरादा बुरा नहीं है, लेकिन यह अजीब है कि जो व्यक्ति अभी इस दुनिया में भी नहीं आया है, उससे दो खेलों में से एक चुनने की उम्मीद की जा रही है और यह सवाल लंबे समय तक उसके सफ़र का हिस्सा रहने वाला है।
सनिया ने बताया कि इज़हान फ़ुटबॉल खेलता है, लेकिन सानिया ने यह तय किया कि उसे सिर्फ़ इसलिए कोई खेल खेलने की ज़रूरत न महसूस हो क्योंकि उसके माता-पिता भी खिलाड़ी हैं। "मैंने उसे पहले ही बैठाकर दुनिया के उस दबाव के बारे में चीजें बता दी हैं। मैंने उसे समझाया है कि हारना अच्छा होता है। अगर वह खेल खेलना नहीं चाहता तो भी ठीक है। सिर्फ़ इसलिए कि मैं उसकी मां हूं, लोग उससे खेलने की उम्मीद करते हैं, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है।
सानिया के लिए, पेरेंटिंग का पहला कदम यह स्वीकार करना था कि उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद, इज़हान एक सामान्य बचपन नहीं जी पाएगा। "माता-पिता होने के नाते, हमें उसे प्रोटेक्ट करना होगा और जितना हो सके उसकी ज़िंदगी को सामान्य बनाने की कोशिश करनी होगी। हालांकि, मुझे यह समझना होगा कि मैं उसे पूरी तरह से सामान्य नहीं बना सकती।
खिलाड़ी ने कहा कि मुझे भी यह स्वीकार करना होगा कि जिस माहौल में वह जी रहा है, वह सामान्य नहीं है। मैं इनकार नहीं कर सकती और यह नहीं कह सकती कि वह एक सामान्य बच्चा है। वह एक सामान्य परिवार में पैदा नहीं हुआ है। अगर मैं इस बात से इनकार करूंगी, तो पेरेंटिंग और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।
सानिया ने रिवील किया कि यह सब तब शुरू हुआ जब उनके बेटे ने चार साल की उम्र में उनसे एक सवाल पूछा और तभी सानिया ने इस समस्या का समाधान करने का फैसला कर लिया था। उन्होंने बताया कि "मुझे याद है उसने एक बार मुझसे पूछा था कि सब मेरा नाम कैसे जानते हैं और लोग मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाने क्यों आते हैं। उसने यही सवाल अपने पिता से भी पूछा था। इज़हान के लिए लिए सामान्य बात है। लेकिन अब उसे पता है कि हमारे घर में चीज़ें अलग हैं। मिसाल के तौर पर, उसके स्कूल के दोस्तों के माता-पिता सुबह नौ से पांच बजे तक नौकरी करते हैं। वे सुबह काम पर जाते हैं।
सानिया आगे कहती हैं कि लेकिन वह जानता है कि उसकी मां ऑफिस नहीं जाती हैं। इसके अपने फायदे भी हैं, क्योंकि मैं उसे स्कूल छोड़ने और लेने के लिए हमेशा एवलेबल रहती हूं। दूसरी ओर, वह यह भी जानता है कि मैं अक्सर काम के सिलसिले में लगातार चार-पांच दिन उससे दूर रहती हूं।" जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि उनका बेटा जुवेंटस की अंडर-8 फुटबॉल टीम के लिए खेलता है।
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