12 जून 2025... अब एक ऐसा तारीख है, जिसे कोई भी याद नहीं करना चाहेगा। आज से चार दिन पहले अहमदाबाद में हुए भयंकर विमान हादसे में एक साथ 270 लोगों की जान चली गई। वहीं अब इस हादसे में मारे गए लोगों की कई दर्दनाक कहानियां भी सामने आ रही हैं। दिल दहला देने वाले इस हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल थे, जिसमें 51 वर्षीय यास्मीन वोहरा, उनके 30 वर्षीय भतीजे परवेज वोहरा और परवेज की 4 साल की बेटी जुवेरिया।
जानकारी के मुताबिक, यह परिवार 9 से 12 जून के बीच लंदन जाने वाला था, जहां वे अपनी रिश्तेदारों से मिलने और कुछ वक्त उनके साथ बिताने की योजना बना रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। इस सफर से जहां ये परिवार लंदन जाकर खूबसूरत यादों को पिरोने वाला था वहीं अब ये सफर परिवार के लिए बुरे सपने में बदल गया है।
वडोदरा की यास्मीन वोहरा की दर्रनाक है कहानी
वडोदरा जिले के डोदरा की रहने वाली यास्मीन वोहरा गुरुवार दोपहर अपने परिवार के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 में सवार हुई थीं। जैसे ही फ्लाइट अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी, कुछ ही देर में वह एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में 270 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। यास्मीन के पति यासीन वोहरा ने बताया कि उनकी पत्नी पहले 9 जून को लंदन जाने वाली थीं, लेकिन उन्होंने अपनी टिकट टाल दी ताकि वह परवेज और उसकी 4 साल की बेटी जुवेरिया के साथ 12 जून को सफर कर सकें। परवेज और जुवेरिया थसरा से थे। यह यात्रा एक साथ समय बिताने और अपने लंदन में बसे परिवार से मिलने की खुशी लेकर आई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश यह यात्रा कभी पूरी नहीं हो पाई।
हादसे के पहले महिला ने पति को किया था फोन
वडोदरा की यास्मीन वोहरा लंदन में रहने वाले अपने दो बेटों के पास जा रही थीं। दोनों बेटे जल्द ही पिता बनने वाले हैं। यास्मीन ने अपने बच्चों की गोद भराई और आने वाले खास पलों के लिए 5 से 6 महीने वहीं रुकने का प्लान बनाया था। गुरुवार को यासीन वोहरा ने अपनी पत्नी यास्मीन को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर छोड़ा था। उन्होंने बताया, “फ्लाइट में चढ़ने से पहले यास्मीन ने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा कि विमान का एसी काम नहीं कर रहा और उन्हें कुछ अजीब-सा लग रहा है। मैंने उन्हें समझाया कि सब ठीक हो जाएगा।” आज, उनकी छोटी पोतियाँ बार-बार पूछती हैं, “दादी कहाँ हैं? हमारे गिफ्ट कहाँ हैं?” यासीन बताते हैं कि वह अभी तक हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं कि उन्हें सच्चाई बता सकें।