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Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले ही बिगड़ी दिल्ली की हवा! AQI 11 जून के बाद पहली बार हुआ 'खराब'

Delhi AQI: केंद्र के एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (EWS) से दिल्ली के लिए किए गए पूर्वानुमानों से पता चलता है कि आगे कोई राहत नहीं मिलेगी, दिवाली के आसपास या उसके बाद भी AQI ‘बहुत खराब’ रहने की संभावना है। EWS ने सोमवार को अपने आखिरी बुलेटिन में कहा, "दिल्ली की एयर क्वालिटी 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक 'खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है

अपडेटेड Oct 14, 2025 पर 2:06 PM
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Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले ही जहरीली हुई दिल्ली की हवा! AQI 11 जून के बाद पहली बार हुआ 'खराब'

दिवाली से महज एक हफ्ते पहले मंगलवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इस मौसम में पहली बार ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शहर में सुबह 11 बजे औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 202 (खराब) रहा। AQI 11 जून के बाद पहली बार इस कैटेगरी में दर्ज किया गया, तब एयर क्वालिटी 245 (खराब) थी। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की रफ्तार में कमी और रातें ठंडी होने से धीरे-धीरे प्रदूषण में इजाफा हो रहा है।

केंद्र के एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (EWS) से दिल्ली के लिए किए गए पूर्वानुमानों से पता चलता है कि आगे कोई राहत नहीं मिलेगी, दिवाली के आसपास या उसके बाद भी AQI ‘बहुत खराब’ रहने की संभावना है।

EWS ने सोमवार को अपने आखिरी बुलेटिन में कहा, "दिल्ली की एयर क्वालिटी 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक 'खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है। अगले छह दिनों के पूर्वानुमान से पता चलता है कि एयर क्वालिटी 'खराब' से 'बहुत खराब' कैटेगरी के बीच रहने की संभावना है।"


CPCB एयर क्वालिटी को इस पैमाने पर बांटता है- 0-50 को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

Hindustan Times के मुताबिक, स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि हवा की गति काफी धीमी थी, सोमवार तक 6-10 Km/घंटा के बीच रही।

पलावत ने आगे कहा, "हवा की दिशा पश्चिमी से उत्तर-पश्चिमी है और पराली का थोड़ा-बहुत अतिक्रमण होगा। हमें मौसम में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है, हवा की दिशा और रफ्तार कम ही रहेगी।"

डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) ने कहा कि सोमवार को पराली जलाने का योगदान केवल 0.62% था, जो रविवार के 0.24% के योगदान से थोड़ा ज्यादा है। DSS एक मॉडल है, जो दिल्ली के PM 2.5 में प्रदूषण के सोर्स के अनुमानित योगदान की गणना करता है। इसने मंगलवार को दिल्ली में कुल पीएम 2.5 भार में पराली जलाने का योगदान 0.49% रहने का अनुमान लगाया है।

आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली के PM 2.5 में सबसे ज्यादा योगदान शहर के ट्रांसपोर्ट सेक्टर (19.6%) का था, इसके बाद झज्जर (9.8%) और सोनीपत (6.1%) का था।

दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी और हवा के तापमान में गिरावट के बाद अक्टूबर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आमतौर पर बिगड़ने लगता है। इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत में पराली जलाने की शुरुआत, त्योहारों का मौसम (जब पटाखे फोड़े जाते हैं) और तापमान या हवा की रफ्तार में गिरावट भी होती है।

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