दिल्ली में छात्रों के लिए मेट्रो पास लाने की योजना तेजी से चर्चा में है, जिसका उद्देश्य छात्रों के रोजाना सफर को सस्ता और सुगम बनाना है। राजधानी में पढ़ाई और आने-जाने को आसान बनाने के लिए सरकार लगातार नए कदम उठा रही है । हाल ही में "यू-स्पेशल" बस सेवा शुरू हुई है, जिसका लाभ हजारों स्टूडेंट्स उठा रहे हैं। लेकिन लाखों छात्र, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया जैसी बड़ी संस्थाओं में पढ़ाई करते हैं, मेट्रो किराए के कारण अधिक खर्च उठाने को मजबूर हैं।
छात्रों के लिए राहत की उम्मीद
दिल्ली सरकार के ताजा संकेतों के मुताबिक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की पुष्टि की है। हैदराबाद समेत कई महानगरों में पहले से ही मेट्रो पास जैसी सुविधाएं छात्रों को मिलती रही हैं। अगर दिल्ली मेट्रो में भी यह पास लागू होता है, तो यात्रा अनुमानित रूप से 30-50% तक सस्ती हो सकती है जिससे पढ़ाई का आर्थिक बोझ कम होगा, और छात्रों को हर दिन सफर में ज्यादा सहूलियत मिलेगी।
दैनिक यात्रा के खर्च का असर
अभी दिल्ली मेट्रो का सामान्य किराया छात्रों के बजट पर भारी पड़ता है। मान लें अगर कोई छात्र रोजाना कॉलेज जाने के लिए मेट्रो से सफर करता है, तो महीने का खर्च हजार से ज्यादा पहुंच सकता है। अगर मेट्रो पास लागू होता है, तो वह यही सफर करीब आधे खर्च में कर पाएगा। विशेष पास से उन छात्रों को राहत मिलेगी, जिनका घर और कॉलेज दूर है और बस सेवा पर्याप्त नहीं है।
"यू-स्पेशल" बस सेवा की शुरुआत
दिल्ली सरकार पहले ही छात्रों की यात्रा को सस्ता और सुरक्षित करने के लिए राजधानी में "यू-स्पेशल" बस सेवा शुरू कर चुकी है। ये बसें खासतौर पर छात्रों के टाइम-टेबल और रूट्स को ध्यान में रखकर चल रही हैं। छात्र संगठनों की शिकायत रही है कि उन्हें क्लास के समय पर बसें नहीं मिलतीं या किराया ज्यादा देना पड़ता है, लेकिन इस सेवा से यह समस्या काफी हद तक सुलझ गई है।
मेट्रो पास लागू होने पर न सिर्फ छात्र, बल्कि उनके परिवार भी राहत महसूस करेंगे। राजधानी में हजारों परिवार ऐसे हैं, जिनका बजट बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और रोजाना सफर से प्रभावित होता है। पास आने पर अभिभावक चिंतामुक्त होकर बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए भेज सकेंगे। कई वर्षों से छात्र संगठन दिल्ली मेट्रो में पास को लागू करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद छात्रों को उम्मीद है कि जल्द यह सुविधा मिल सकती है। यदि ऐसा हुआ, तो दिल्ली में शिक्षा और यातायात के क्षेत्र में यह एक बड़ा सुधार माना जाएगा।