केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने नए ऐलान के मुताबिक, अब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती, 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। यह फैसला उनके समाज और संविधान में दिए गए महान योगदान को सम्मान देने के लिए लिया गया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "संविधान के निर्माता और समाज में समानता की नई नींव रखने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर अब सार्वजनिक अवकाश रहेगा।"
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर भी कहा जाता है, का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। वे भारत में दलित समाज के नेता, महान शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री और भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता थे। डॉ. अंबेडकर पिछड़ी जाति से वकील बनने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके मूल उपनाम अंबावेडकर को उनके शिक्षक ने बदलकर अंबेडकर कर दिया था। उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय होने का गौरव हासिल किया। कहा जाता है कि वे नौ भाषाओं के जानकार थे। 6 दिसंबर 1956 को 65 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। मरणोपरांत, उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
इस अवकाश के दौरान, स्कूल, कॉलेज, और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे, जिससे लोग विभिन्न आयोजनों, सेमिनारों, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर बाबासाहेब के जीवन और उनके सामाजिक सुधारों को याद कर सकेंगे।