Harsh Vardhan Jain : 22 जुलाई 2025 तक ज्यादातर लोग नहीं जानते थे कि हर्षवर्धन जैन कौन हैं, लेकिन बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने ऐसा खुलासा किया कि हर्षवर्धन जैन को पूरा देश जान गया। यूपी एसटीएफ ने फर्जी दूतावास का भंड़ाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया। वहीं अब हर्षवर्धन जैन को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद हुए खुलासे में ये बात निकलकर सामने आई है कि, हर्षवर्धन जैन की मुलाकात चंद्रास्वामी ने आर्म्स डीलर अदनान खगोशी से कराई थी। ये मुलाकात लंदन में हुई थी। जैन ने पूछताछ में ये जानकारी यूपी STF को दी है।
इन फर्जी देशों का राजदूत!
हर्षवर्धन जैन ने गाजियाबाद के कवि नगर इलाके में एक किराए के घर से ‘वेस्ट्राक्टिका’ नाम का नकली दूतावास चला रखा था। एसटीएफ की रेड को लीड कर रहे एसएसपी सुशील घुले ने हर्षवर्धन जैन खुद को वेस्ट्राक्टिका, सबोरगा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे फर्जी माइक्रोनेशन का राजदूत बताता था।
बनाई ईस्ट इंडिया कंपनी
एसटीएफ को मिली जानकारी के मुताबिक, हर्षवर्धन जैन की मुलाकात एहसान अली सैयद से भी चंद्रास्वामी ने की कराई थी। दोनों ने मिल कर कई कंपनियां बनाई थीं। ये कंपनियां Star Trading Corporation Ltd, East India Company UK Ltd, UAE Island General Trading Company लंदन में रजिस्टर्ड हैं। इसके साथ ही मॉरीशस में दोनों ने मिलकर इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड बनाया।
सैटेलाइट फोन का करता था इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गाजियाबाद में गिरफ्तार किए गए हर्षवर्धन जैन, जो खुद को एक फर्जी राजनयिक बताते थे, ने कई नकली कंपनियां बनाई थीं। इनमें से एक का नाम "ईस्ट इंडिया कंपनी यूके लिमिटेड" था। जांच में सामने आया है कि जैन के पास फर्जी राजनयिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियों का बेड़ा था। इसके अलावा, उसके पास कुछ जाली दस्तावेज़, सैटेलाइट फोन और भारत के प्रमुख नेताओं के साथ एडिट की गई तस्वीरें भी मिली हैं। आरोप है कि वह हवाला के जरिए लेनदेन करने के लिए इन फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करता था।
घर से मिला नोटों का जखीरा
पुलिस के मुताबिक, हर्षवर्धन जैन इन नकली देशों के "राजनयिक" के रूप में गाजियाबाद के अपने घर से एक फर्जी वाणिज्य दूतावास चला रहा था। वहां इन कथित "देशों" के झंडे लगे थे और बाहर कई नीली नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियाँ खड़ी थीं, जो आमतौर पर राजनयिक वाहनों पर लगाई जाती हैं। हालांकि, यह पूरा फर्जीवाड़ा 23 जुलाई को सामने आ गया जब उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 44.7 लाख रुपये नकद, विदेशी करेंसी, कई नकली राजनयिक पासपोर्ट और 18 फर्जी राजनयिक नंबर प्लेटें बरामद की गईं।
हुआ ये बड़ा खुलासा
इस मामले पर बात करते हुए एडीजी (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि, हर्षवर्धन जैन गाज़ियाबाद में किराए के एक मकान से एक फर्जी दूतावास चला रहा था। वह खुद को कुछ छोटे, मान्यता न प्राप्त देशों का राजदूत या वाणिज्यदूत बताता था और नकली राजनयिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियों से घूमता था। अधिकारियों ने बताया कि जैन लोगों को प्रभावित करने और धोखा देने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ अपनी एडिट की गई फर्जी तस्वीरें इस्तेमाल करता था। एडीजी यश ने यह भी कहा कि जैन पहले विवादित धर्मगुरु चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियारों के सौदागर अदनान खशोगी से जुड़ा हुआ था। 2011 में उसके खिलाफ कवि नगर पुलिस स्टेशन में अवैध सैटेलाइट फोन रखने के आरोप में केस भी दर्ज हो चुका है।
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