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ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच भारत-अमेरिका के बीच होगी बड़ी डिफेंस डील, IAF को मिलेगी ताकत

India-US Defense Deal: बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच ये डील ऐसे समय में होने वाली है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है जिसकी वजह से लेकर दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ी हुई है

अपडेटेड Aug 26, 2025 पर 11:13 PM
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भारत के तेजस फाइटर जेट को इंजन देगा अमेरिका, जानें कब होगी डील?

ट्रंप टैरिफ के बीच भारत और अमेरिका के बीच बेहद ही अहम डिफेंस डील होने जा रही है। इंडियन एयर फोर्स को और भी मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच एक बिलियन डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) की डील करने जा रहा है। ये डील इस साल के सितंबर तक हो सकता है।  इसमें 97 एलसीए मार्क 1ए तेजस लड़ाकू विमानों के लिए 113 जीई-404 इंजनों की खरीद के लिए 1 अरब डॉलर से अधिक का समझौता शामिल है। यह नया ऑर्डर पहले से ही कॉन्ट्रैक्ट किए गए 83 मार्क 1ए विमानों के लिए 99 जीई-404 इंजनों से अलग होगा

होने जा रही है ये बड़ी डील 

बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच ये डील ऐसे समय में होने वाली है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है जिसकी वजह से लेकर दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ी हुई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक 113 इंजनों को लेकर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और उम्मीद है कि इस सौदे पर सितंबर तक दस्तखत हो जाएंगे। इस डील का मकसद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लगातार इंजन की सप्लाई देना है, ताकि तेजस फाइटर जेट के प्रोडक्शन में किसी तरह की देरी न हो और काम तेजी से चलता रहे।

इंडियन एयर फोर्स को मिलेगी ताकत

एचएएल के प्रोडक्शन टारगेट को समय पर पूरा करने के लिए इंजनों की लगातार सप्लाई बेहद ज़रूरी मानी जा रही है। योजना के तहत 83 तेजस विमानों की डिलीवरी 2029-30 तक और अगले 97 विमानों की सप्लाई 2033-34 तक पूरी की जानी है। अमेरिकी कंपनी जीई से उम्मीद है कि वह हर महीने दो इंजन देकर इस प्रोजेक्ट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता निभाएगी। इसी बीच, एचएएल जीई के साथ एक अलग समझौते पर बातचीत कर रहा है, जिसके तहत 80% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ जीई-414 इंजन भारत को मिलेंगेकरीब 1.5 अरब डॉलर का ये डीस जल्द तय होने की उम्मीद हैइसके तहत एलसीए मार्क 2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MCA) प्रोजेक्ट्स के लिए 200 इंजन उपलब्ध कराए जाएंगे।


यह प्रोजेक्ट भारतीय वायुसेना की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों को धीरे-धीरे हटाकर नए विमान लाए जा रहे हैं। इसके साथ ही भारत फ्रांस की कंपनी सफ्रान के साथ मिलकर स्वदेशी लड़ाकू विमान इंजन बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।

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