सोमवार रात करीब 9:30 बजे लखनऊ के आशियाना स्थित सरकारी लोकबंधु अस्पताल में अचानक भीषण आग लग गई, जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। आग की शुरुआत अस्पताल की दूसरी मंजिल से हुई, जिसने तेजी से आईसीयू और फीमेल मेडिसिन वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। दोनों वार्डों में उस समय करीब 55 मरीज भर्ती थे। आग इतनी तेजी से फैली कि मरीजों और तीमारदारों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। चारों तरफ धुआं भर गया और अस्पताल में भगदड़ के हालात बन गए। चीख-पुकार के बीच डॉक्टरों, स्टाफ और तीमारदारों ने जान जोखिम में डालकर मरीजों को बाहर निकालना शुरू किया।
मौके की गंभीरता को देखते हुए दमकल विभाग और पुलिस को बुलाया गया, जिन्होंने मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। यह हादसा न सिर्फ अस्पताल प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी चिंता बढ़ाता है।
जान जोखिम में डालकर बचाए 250 मरीज
आग लगने के बाद डॉक्टरों, नर्सों, अस्पताल कर्मियों और तीमारदारों ने मिलकर 250 मरीजों को अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकाला। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ मरीजों और परिजनों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। वहीं, हादसे में एक 61 वर्षीय मरीज की मौत हो गई, जिसकी पहचान राजकुमार प्रजापति के रूप में हुई है।
शॉर्ट सर्किट से मानी जा रही आग की वजह
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, आग लगने की संभावित वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। स्थिति और बिगड़ गई जब अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से बिजली काट दी, जिससे अंधेरा फैल गया और मरीजों को बाहर निकालने में काफी मुश्किलें आईं।
गेट में फंसी दमकल की बड़ी गाड़ी, छोटी गाड़ियां बनीं सहारा
फायर ब्रिगेड की पहली गाड़ी अस्पताल के मुख्य गेट पर ही फंस गई क्योंकि गेट काफी संकरा था। काफी कोशिशों के बावजूद वह अंदर नहीं जा सकी, जिसके बाद छोटी दमकल गाड़ियों को दूसरे गेट से अंदर भेजा गया। लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से फोन पर जानकारी ली और एसडीआरएफ को तुरंत राहत-बचाव के लिए रवाना किया। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक खुद अस्पताल पहुंचे और मौके का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और उन्हें दूसरे अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है।
रातभर चला रेस्क्यू ऑपरेशन
250 मरीजों को लखनऊ के सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू और लोहिया अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, कई मरीजों की तलाश देर रात तक जारी रही।
बिजली कटने से बंद हुई ऑक्सीजन सप्लाई
मृतक राजकुमार प्रजापति के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि जैसे ही अस्पताल की बिजली काटी गई, ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई, जिसके चलते उनकी जान चली गई।
शिफ्टिंग के बाद भी मिलेगा मुफ्त इलाज
डिप्टी सीएम ने यह भरोसा दिलाया कि शिफ्ट किए गए सभी मरीजों को अन्य अस्पतालों में भी लोकबंधु अस्पताल की ही तरह मुफ्त इलाज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से अस्पताल को पूरी तरह खाली कर दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं।