लेह के जिलाधिकारी ने मंगलवार (14 अक्टूबर) को अपने आदेश का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल थे। इसके कारण उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया। लेह के DM ने शीर्ष अदालत में दाखिल एक हलफनामे में इस बात से इनकार किया कि वांगचुक को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था या हिरासत में उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि हिरासत के कारणों और तथ्यों के बारे में उन्हें अवगत करा दिया गया था।