Vice President Election: भारत में आज 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है। यह मुकाबला सत्तारूढ़ NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस (रिटायर्ड) बी सुदर्शन रेड्डी के बीच है। जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद खाली हुए इस पद के लिए यह चुनाव हो रहा है। आइए आपको बताते हैं उम्मीदवारों के बारे में और इस चुनाव के क्या है समीकरण।
NDA ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। तमिलनाडु से आने वाले राधाकृष्णन बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता हैं और दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। उनकी उम्मीदवारी को बीजेपी की दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
वहीं, विपक्ष ने जस्टिस (रिटायर्ड) बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। तेलंगाना से आने वाले रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। वे काले धन और 'सलवा जुडूम' जैसे आंदोलनों पर सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं। विपक्ष ने उन्हें संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने वाले एक उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं। इस चुनावी कॉलेज में कुल 781 सांसद हैं, और जीत के लिए 391 वोटों की जरूरत है। NDA के पास पहले से ही 422 सांसदों का समर्थन है, जो जीत के लिए जरूरी 391 के आंकड़े से काफी ज्यादा है। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी NDA उम्मीदवार का समर्थन करने का एलान किया है, जिससे NDA का आंकड़ा 430 के पार जा सकता है।
वहीं विपक्षी INDIA ब्लॉक के पास 300 से 324 सांसदों का समर्थन है। भले ही कुछ छोटे दल भी उनका साथ दें, फिर भी वे बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे हैं।
बीजेडी और बीआरएस ने बनाई दूरी
इस चुनाव में कुछ प्रमुख क्षेत्रीय दलों ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने घोषणा की है कि वे इस चुनाव में वोट नहीं डालेंगे। उनके इस फैसले से दोनों खेमों के वोटों की संख्या कम होगी, लेकिन चुनाव के नतीजों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
क्यों हो रहा है ये चुनाव?
यह चुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा देने की वजह से हो रहा है। उपराष्ट्रपति का पद पांच साल का होता है और वह राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। यह पद संसदीय कामकाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब सदन में राजनीतिक टकराव की स्थिति हो।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। वोटों की गिनती शाम 6 बजे शुरू होगी और नतीजे देर शाम तक आने की उम्मीद है। भले ही अंकों का गणित NDA के पक्ष में है, फिर भी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव विपक्ष को अपनी ताकत दिखाने का एक अच्छा मौका है।