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by Roopali Sharma | NOV 07,  2025

इन रोजमर्राओ के 10 गलतियों की वजह से आने लगती है नी क्रैकिंग साउंड 

लौंग टाइम तक गलत तरीके से बैठने से घुटनों पर प्रेशर पड़ता है और साउंड आता है और पेन भी बढ़ता है 

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रोंग सिटिंग हैबिट 

सीढ़ियां चढ़ना या हेवी ओब्जेक्ट को लिफ्ट करने से  घुटनों पर ज्यादा प्रेशर डालता है, जिससे क्रैकिंग साउंड आता है

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टू मच प्रेशर 

 नी बोन्स के बीच के कार्टिलेज एज या इंजरी से वीक हो जाते है। इससे बोन्स में रबिंग होती हैं और क्रंचिंग साउंड आता है

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कार्टिलेज रबिंग

वीक पैर की मसल्स घुटनों को सपोर्ट नहीं दे पाती, प्रेशर बढ़ता है क्रंचिंग साउंड आता है

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 मसल्स वीकनेस

घुटनों से कभी-कभी क्रैकिंग या बर्स्टिंग लाइक साउंड आता है, यह गैस बबल्स बर्स्ट होने या बोन्स के रबिंग की वजह से होती है

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क्रेपिटस

 टेंडन जो मसल्स को बोन्स से जोड़ते है इसमें स्वेलिंग होने पर भी क्रैकिंग साउंड और पेन हो सकता है

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टेंडोनाइटिस 

 बोन्स पर नोच लाइक बंब्स लौंग टाइम के प्रेशर या रबिंग से बन सकते है जिससे नी पेन बढ़ता है

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 बोन स्पर्स

बिना तैयारी के फास्ट एक्सरसाइज करने से कार्टिलेज को इंजर्ड हो सकता है और साउंड आता है

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फास्ट एक्सरसाइज

चलने-फिरने की कमी से मसल्स वीक होती हैं और नी पर प्रेशर बढ़ता है बोडी मूवमेंट होने से बोन्स लोक होने से बच सकते है

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लैस मूवमेंट

ओल्ड या न्यू इंजरी भी घुटनों में क्रैकिंग साउंड का कारण हो सकती है  डीप इंजरी बोन्स पर डायरेक्ट इंपैक्ट डालती है

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इंजरी

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