Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी की बहुप्रतीक्षित अमरनाथ यात्रा इस साल तीन जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के दिन समाप्त होगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक के बाद बुधवार (5 मार्च) को इसका ऐलान किया गया। इस साल की तीर्थयात्रा 37 दिनों तक चलेगी। इस दौरान भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद लेने का अवसर मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू होगी। इसमें 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर परमिट जारी किए जाएंगे।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन जम्मू और कश्मीर बैंक, यस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की 562 नामित शाखाओं में उपलब्ध होगा। दिशानिर्देशों के अनुसार, 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 75 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क रजिस्ट्रेशन के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, छह सप्ताह से अधिक की गर्भवती महिलाओं को भी रजिस्ट्रेशन से प्रतिबंधित किया जाएगा।
यात्रा शुरू करने से पहले सभी यात्रियों को अनिवार्य हेल्थ सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके अलावा, प्रत्येक तीर्थयात्री को केवल एक यात्रा परमिट की अनुमति होगी, जिसे ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। अमरनाथ यात्रा 2025 में बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है। इस बार कुछ नए उपायों की भी घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य एक सुगम और सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करना है। इससे अधिक से अधिक श्रद्धालु पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शन का अनुभव कर सकें।
इस बीच, पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा ने अमरनाथ यात्रा के बालटाल रूट से पवित्र गुफा तक सड़क निर्माण का विरोध किया है। उन्होंने इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा की। पारा ने मंगलवार को राज्य के विधानसभा सदन में एक सवाल के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया था। बुधवार को उन्होंने मीडिया कर्मियों के समक्ष भी बात दोहराई। वहीं, राज्य के डिप्टी सीएम सुरेंद्र चौधरी ने उनकी बातों को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया।
केंद्र ने कई धार्मिक प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड में दो रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। इनमें सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किलोमीटर) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी (12.4 किमी) रोपवे परियोजनाएं शामिल हैं, जिनपर कुल 6,811 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समयसीमा चार से छह वर्ष निर्धारित की गई है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी तक 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना पर कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये आएगी।
वर्तमान में हेमकुंड साहिबजी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। इसे पैदल या टट्टुओं या पालकियों द्वारा पूरा किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिबजी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह गोविंदघाट तथा हेमकुंड साहिब जी के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। वर्तमान में इसे पैदल या टट्टुओं, पालकियों या हेलीकॉप्टर द्वारा पूरा किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे का उद्देश्य मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करना है। साथ ही सोनप्रयाग एवं केदारनाथ के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।