कम पैदावार की आशंकाओं के बीच देशभर की मंडियों में अरहर दाल की कीमतों में तेजी आई है। मंडियों में तुर दाल अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर बिक रही हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अरहर दाल की MSP 6000 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, लेकिन महाराष्ट्र और कर्नाटक की मंडियों में यह प्रति क्विंटल 6100 से 7250 रुपये में बिक रही हैं। बढ़ी हुई कीमतों के कारण नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) महाराष्ट्र में तुर दाल की खरीदारी नहीं कर पाई है।
NAFED ने 5 राज्यों को 15 लाख टन अरहर दाल की खरीदारी करने के टार्गेट दिया है। इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन (IPGA) के चेयरमैन जीतू भेडा (Jitu Bheda) ने कहा कि इस साल तुर दाल का उत्पादन 40 लाख टन होने की उम्मीद थी, लेकिन अब अरहर के पैदावार में गिरावट आने की आशंका है और यह 38 लाख टन रह सकती है। वहीं, इंडस्ट्री के सूत्रों को कहना है कि अरहर का उत्पादन 32 से 35 लाख टन रहने की संभावना है।
जीतू भेडा ने कहा कि देश में अरहर दाल का खुदरा भाव अभी 90 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है। अगर सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया तो इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि बारत से साथ म्यांमार और मोजाम्बिक में भी तुर दाल के उत्पादन में कमी आई है। ऐसे में ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने सरकार से जल्ज से जल्द दार आयात करने की मांग की है, ताकि इनकी कीमतों को काबू में रखा जा सके।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि इस साल भारी बारिश के कारण दाल की पैदावार उम्मीद से 20% कम होने की आशंका है। इसलिए सरकार को जल्दी दालों का आयात करना चाहिए।
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