Commodity Market: पंजाब के सभी 23 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में आए है। करीब दो हजार गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं। 4 लाख एकड़ से अधिक खेत डूब चुके हैं। ज्यादा नुकसान धान की खेती को हुआ है। बासमती चावल को बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचा। करीब 30 लाख हेक्टेयर में धान उगाई जाती है। 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। अमृतसर में 75,000 एकड़ फसल डूबी। पंजाब में 296.4mm ज्यादा बारिश हुई। हजारों बीघा खेत में घुटने तक पानी भरा और भाखड़ा डैम में पानी खतरे के निशान से नीचे आया। बता दें कि चावल और गेहूं की फसल में पंजाब का रैंक तीसरे नंबर पर आता है।
अमृतसर के 75000 एकड़ खेत पानी में डूबे । जबकि गुरदासपुर जिले में 45000 एकड़, तरणतारण जिले में 25000 एकड़ और पठानकोट के 10000 एकड़ खेत पानी में डूबे है।
आटा, मैदा से GST हटाने की मांग की। सूजी से भी GST हटाने की मांग की है। 25 किलो तक के पैकेट पर GST हटाने की मांग की है। GST हटने से लोगों को राहत मिलने की दलील दी है । पराठे की तरह ही GST '0' करने की मांग की है। 22 सितंबर से GST की नई दर
बासमती के दाम आने वाले 3-4 महीनों में 10-12% तक सकते बढ़
IREF के प्रेसिडेंट प्रेम गर्ग का कहना है कि पंजाब में चावल उत्पादन में 30 फीसदी हिस्सेदारी है। 17-18 फीसदी चावल की फसल को बारिश से नुकसान होगा। चावल की कमी को हरियाणा, उत्तर प्रदेश से पूरा करेंगे। भारत पहले 20-22 मिलियन टन का एक्सपोर्ट करता था। उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में भारतीय बासमती, चावल के दाम ज्यादा है। इस साल चावल का एक्सपोर्ट कम होने की उम्मीद है। क्योंकि देश में चावल का स्टॉक जरुरत से ज्यादा मौजूद है। OMSS का 30 फीसदी ही खरीदारी हो रही है। प्रेम गर्ग ने कहा कि बासमती के दाम आने वाले 3-4 महीनों में 10-12% तक बढ़ सकते हैं।
दीवाली तक गेहूं का भाव 2900 रुपये प्रति क्विटल तक आ पहुंच सकता है
RFMFI के प्रेसिडेंट नवनीत चितलांगिया ने कहा कि जीएसटी पर सरकार ने इंडस्ट्रीज की बात मानी है। जीएसटी की दर में कटौती से इंडस्ट्रीज को राहत मिलेगी। सरकार आटा, मैदा, सूजी पर जीएसटी घटाना शायद भूल गई है। उन्होंने आगे कहा कि आटा, सूजी, मैदा के 5-10 किलो के पैकेट का इस्तेमाल घरों में होता है। सरकार से GST हटाने की मांग की थी। GST हटाने से आम लोगों को फायदा होगा। सरकार OMSS पर अभी तक कोई पॉलिसी नहीं लाई है, जल्द आने की उम्मीद है।
सरकार 5-10 किलो के पैक से भी जीए हटाने की मांग की है । पंजाब के कई निचले क्षेत्रों में स्थिति खराब है। देश में गेहूं की कमी नहीं है। सरकार, प्राइवेट प्लेयर्स के पास पर्याप्त स्टॉक है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार गेहूं की OMSS पॉलिसी पर कोई फैसला नहीं किया है। 2750 रुपये प्रति क्विटल तक गेहूं का भाव बना हुआ है। वहीं दीवाली तक गेहूं का भाव 2900 रुपये प्रति क्विटल तक भाव आ सकते हैं।
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