Credit Cards

ग्वार और बाजरा की खेती करने वाले किसान हो जाए सावधान, दवा छिड़कने का सही तरीका नहीं जानेंगे तो पूरी फसल हो जाएगी बर्बाद

इस प्रकार, मानसून के दौरान ग्वार और बाजरा की खेती में सही समय, उचित मात्रा और सावधानी से कीटनाशक छिड़काव करना फसल की रक्षा और बेहतर उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है

अपडेटेड Aug 25, 2025 पर 6:55 PM
Story continues below Advertisement
ग्वार और बाजरे की खेती के दौरान मानसून में कीटनाशक डालने के तरीके का ध्यान रखना बहुत जरूरी है

राजस्थान के सबसे अहम खरीफ फसलों में ग्वारफली और बाजरा है। इलाके के किसान बड़े रकबे में ये खेती करते हैं और अच्छी कमाई करते हैं। लेकिन ग्वारफली और बाजरा की खेती करने वाले किसान कीटनाशकों का छिड़काव करते हुए कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।

इस मामले में कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान राजेंद्र जाखड़ ने बताया कि इन फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। खासतौर पर मानसून में कीटनाशकों का छिड़काव करते हुए खास सावधानी बरतनी चाहिए।

कीटनाशक छिड़काव करते समय किन बातों का रखें ध्यान?


बरसात में जब भी कीटनाशक का छिड़काव करें तो इस बात का ध्यान रखें कि दवा डालते ही बारिश के पानी में वो बह ना जाए। इसलिए मौसम का मिजाज देखते हुए दवा डालें।

मानसून के दौरान ग्वार और बाजरा की खेती में कीटनाशक का छिड़काव सावधानी और सही तकनीक से करना बहुत आवश्यक होता है ताकि फसल को कीटों से बचाया जा सके और दवाओं का प्रभाव भी बना रहे। मानसून में नमी और बारिश के कारण कीट और फफूंदी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए छिड़काव करते समय खास ध्यान देना होता है।

किस वक्त दवा का करें छिड़काव

सबसे पहले कीटनाशक छिड़काव के लिए सुबह या शाम का समय श्रेष्ठ माना जाता है, जब तापमान कम होता है और हवा भी कम चलती है। दोपहर की तेज धूप में कीटनाशक जल्दी मात रहता है जिससे प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही तेज हवा या बरसात के दौरान छिड़काव से बचना चाहिए क्योंकि इससे दवा पौधों तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाती और फसल खराब हो सकती है।

कीटनाशक को हमेशा निर्माता के निर्देशानुसार ही सही मात्रा में पानी में घोलकर छिड़काव करें। ज्यादा मात्रा में दवा डालने से फसल को नुकसान पहुंच सकता है और पर्यावरणीय प्रभाव भी पड़ता है। छिड़काव करते वक्त अपने आप को मास्क, दस्ताने और सुरक्षात्मक कपड़े पहनकर सुरक्षित रखें।

मॉनसून के दौरान ग्वार और बाजरा के लिए सामान्य तौर पर लैम्ब्डा-साइहेलोथ्रिन 5% EC और इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL जैसे कीटनाशक इस्तेमाल किए जाते हैं। इनकी खेती में 10-15 दिन के अंतराल पर बारी-बारी से दवा का छिड़काव करना चाहिए ताकि कीट नियंत्रण बना रहे।

दवा छिड़काव के बाद कब करें कटाई

अंत में, छिड़काव के कम से कम 15-20 दिन बाद ही फसल की कटाई करनी चाहिए ताकि कीटनाशक के अवशेष पूरी तरह खत्म हो जाएं। छिड़काव के बाद हाथ और शरीर को अच्छे से धोना भी जरूरी है ताकि जहरीले पदार्थों से सुरक्षा हो सके।

इस प्रकार, मानसून के दौरान ग्वार और बाजरा की खेती में सही समय, उचित मात्रा और सावधानी से कीटनाशक छिड़काव करना फसल की रक्षा और बेहतर उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।