Rice News: WTO ने अमेरिका और कनाडा ने चावल के मुद्दे पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दलील दी जा रही है कि भारत के एक्सपोर्ट बढ़ाने के फैसला का ग्लोबाल बाजार पर निगेटिव असर होगा। केंद्रीय मंत्री प्राहलाद जोशी ने बयान पर चिंता जताया। भारत ने एक्सपोर्ट दो गुना करने की बात कही। दोनों देशों को ग्लोबल बाजार पर असर होगा। दूसरे देशों को नुकसान होने की आशंका ज्यादा है। चावल एक्सपोर्ट में भारत की 40% हिस्सेदारी है।
भारत चावल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है। उत्पादन बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद दे रहा है। भारत MSP बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाना चाहता है। भारत चावल का एक्सपोर्ट बढ़ाना चाहता है। भारत के कदम से बाजार में डिस्टॉर्शन आएगा।
भारत के बासमती एक्सपोर्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019-20 में 4331 मिलियन डॉलर, 2020-21 में 4019 मिलियन डॉलर, 2021-22 में 3540 मिलियन डॉलर, 2022-23 में 3540 मिलियन डॉलर, 2023-24 में 5837 मिलियन डॉलर और 2024-25 में 5944 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ।
भारत का नॉन-बासमती एक्सपोर्ट
भारत का नॉन-बासमती एक्सपोर्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019-20 में 2015 मिलियन डॉलर, 2020-21 में 4800 मिलियन डॉलर, 2021-22 में 6124 मिलियन डॉलर, 2022-23 में 6356 मिलियन डॉलर, 2023-24 में 4570 मिलियन डॉलर और 2024-25 में 6528 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ।