यूपी के संभल और सीतापुर के बाद, बागपत (Baghpat) जिला प्रशासन ने भी केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ किसानों के विरोध (Farmers Protest) से जुड़े नेताओं को नोटिस जारी कर उनसे 2 लाख रुपये के निजी बॉन्ड पर साइन करने के लिए कहा गया, ताकि शांति सुनिश्चित हो सके। इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, RLD के पूर्व विधायक वीरपाल सिंह राठी ने कहा कि 31 जनवरी को बड़ौत तहसील में एक महापंचायत में हिस्सा लेने से एक दिन पहले उन्हें और छह अन्य लोगों को प्रशासन की तरफ से नोटिस दिया गया था।

इस महापंचायत ने फैसला किया गया था कि क्षेत्र के किसानों को कृषि कानूनों के में विरोध जारी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर पहुंचना चाहिए। वीरपाल राठी ने कहा, "मुझे 30 जनवरी को नोटिस मिला और पता चला कि जिले में लगभग 200 किसानों को इस तरह के नोटिस जारी किए गए हैं। ये नोटिस जारी करके, प्रशासन चाहता है कि हम किसानों का समर्थन करना बंद कर दें। मैंने महापंचायत में हिस्सा लिया और मेरे साथ छह अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किए गए।"

अखबार के अनुसान, जब जिलाधिकारी राज कमल यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। वहीं उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (बड़ौत), दुर्गेश मिश्रा, जिन्होंने इस नोटिस पर साइन किए थे, उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने कहा, "राज्य में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों और कानून-व्यवस्था के दूसरे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 107/116 CrPC के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। किसान आंदोलन से इसका कोई लेना-देना नहीं है। नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अभी जारी है। हमने अब तक 700 व्यक्तियों को नोटिस जारी किए हैं।"

अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने पुलिस की तरफ से पेश की गई एक रिपोर्ट पर नोटिस जारी किए हैं। बड़ौत थाना प्रभारी अजय कुमार शर्मा ने कहा, "हमने प्रशासन से वीरपाल सिंह राठी सहित छह व्यक्तियों को बॉन्ड भेजने का अनुरोध किया था, क्योंकि यह संदेह है कि वे अपने भाषणों के जरिए से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों को उकसा सकते हैं। ऐसी आशंका है कि उनके उकसावे की वजह से विरोध हिंसक हो सकता है।"

वीरपाल सिंह को जारी किए गए नोटिस में उन्हें 2 लाख रुपये के निजी बॉन्ड पर साइन करने और एक साल के लिए एक ही राशि की दो श्योरिटी भरने के लिए भी कहा गया है, ताकि शांति बनाए रखी जा सके। पूर्व विधायक ने कहा कि प्रशासन ने यह नोटिस जारी किया कि हम कानून और व्यवस्था का उल्लंघन कर सकते हैं। मैं अब तक प्रशासन के सामने पेश नहीं हुआ हूं। तीनों कृषि कानून पर हमारा मौन विरोध जारी रहेगा।

पूर्व विधायक ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर उनका बयान दर्ज करने के लिए उन्हें दिल्ली पुलिस ने भी बुलाया है। सिंह ने दावा किया कि उनका नाम उस मामले में गलत तरीके से घसीटा गया है।

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