कोरोनावायरस वैक्सीन का इंतजार भारत के तमाम लोगों था। रविवार को ड्रग रेगुलेटर DCGI ने कोरोनावायरस की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी। कोरोनावायरस का टीका कौन लेगा कौन नहीं लेगा, इसको लेकर बयानबाजी शुरू हो चुकी है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं पहले यह टीका नहीं लगवाऊंगा। मेरी बारी बाद में आनी चाहिए। DCGI ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी है।
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना का टीका पहले दूसरे लोगों को लगवाया जाएगा। मेरा नंबर बाद में आएगा। हमारा पूरा ध्यान सबसे पहले प्रथम श्रेणी के लोगों की तरफ हैं जिन्हें वैक्सीन दी जानी है। केंद्र सरकार के अनुसार सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जानी है। पुलिस कर्मियों, सेना के जवान और बुजुर्ग लोगों को भी वैक्सीन दी जानी है। इसके साथ ही जो लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें भी वैक्सीन का टीका दिया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दिया था अजीब बयान
कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद देश में टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है। जहां एक तरफ पूरे देश में वैक्सीन को लेकर खुशी है तो वहीं देश में राजनीति भी होना शुरू हो गई है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बयान दिया था कि वह वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। अखिलेश ने वैक्सीन को BJP की वैक्सीन बताया था और कहा था कि उन्हें BJP की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा था कि 2022 में जब वैक्सीन आएगी तो हम खुद प्रदेश में वैक्सीन फ्री में देंगे। आखिर BJP की वैक्सीन पर कैसे विश्वास कर लिया जाए।
अखिलेश के इस बयान का भारी विरोध हुआ था। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा है कि वैक्सीन पर राजनीति करना सहीं नहीं है। कोरोना वैक्सीन को किसी भी राजनीति दल से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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