प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान (World Biggest Covid-19 Vaccination Drive) के तहत शनिवार को पहले चरण में भारत में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्टरों, नर्सों और फ्रंटलाइन के अन्य स्वास्थकर्मियों को वैक्सीन लगाया गया। इसके साथ ही 10 महीनों में लाखों जिंदगियों और रोजगार को लील लेने वाली इस महामारी के खात्मे की उम्मीद जगी है।
पहले दिन 1,65,714 लोगों को लगा वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने शनिवार शाम को एक प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि वैक्सीनेशन अभियान का पहला दिन सफल रहा। अब तक वैक्सीनेशन के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार शाम 5:30 बजे तक पूरे देश में 1,65,714 लोगों को कोरोना वायरस का वैक्सीन लगाया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि आज देश में 3,351 सत्र में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। वैक्सीनेशन ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। COVISHIELD सभी राज्यों को दिया गया है। जबकि COVAXIN को 12 राज्यों को दिया गया है।
सफाईकर्मी को लगा पहला वैक्सीन
AIIMS में शनिवार को राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत होने पर अस्पताल के एक सफाईकर्मी मनीष कुमार (Manish Kumar) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) की उपस्थिति में कोरोना का पहला वैक्सीन लगाया गया। इसके साथ ही मनीष देश की राजधानी में वैक्सीन लगवाने वाले पहले शख्स बन गए। AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया को भी वैक्सीन लगाया गया। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनकी सराहना की। इसके बाद नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने भी वैक्सीन लगवाया।
फिर अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाए गए। इस अवसर पर वहां मौजूद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोनो वैक्सीन, भारत बायोटेक का स्वदेश में निर्मित कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोविशील्ड इस कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक संजीवनी हैं। कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की खुराक सबसे पहले अनुमानित एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को और इसके बाद दो करोड़ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को दी जाएगी, इसके बाद 50 साल से अधिक उम्र वालों एवं अन्य बीमारियों से ग्रस्त 27 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन करने की योजना है।
सोशल मीडिया पर छाया रहा दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान
भारत के कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरूआत करने के कुछ ही घंटों बाद शनिवार को सोशल मीडिया पर #LargestVaccineDrive (सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान) हैशटैग छा गया। साथ ही, लोगों ने राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने के लिए इन ऑनलाइन मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। वैक्सीनेशन की शुरूआत के बाद ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर चर्चा शुरू हो गई। कई लोगों ने प्रधानमंत्री की टिप्पणियों और वैक्सीनेशन अभियान शुरूआत करने की सराहना की।
राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद ट्विटर पर 4.3 लाख ट्वीट के साथ #LargestVaccineDrive हैशटैग ट्रेंड करने लगा। ट्विटर पर एक यूजर ने कहा कि दुनिया त्राहिमाम है, फिर भी भारत के लोग आशावादी हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री हमें बचाएंगे। अर्थव्यस्था का बुरा हाल है, फिर भी भारतीय आशान्वित हैं कि पीएम इसे संभाल लेंगे। वैक्सीन पर भ्रम की स्थिति थी, फिर भी भारत के लोग निश्चंत हैं क्योंकि हम जानते थे कि प्रधानमंत्री सर्वश्रेष्ठ वैक्सीन का चयन करेंगे। ट्विटर यूजर ने कहा कि भारत ने विश्व के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत की है। वैश्विक वैक्सीनेशन में भारत जो नेतृत्व प्रदर्शित कर रहा है उसका कोई सानी नहीं है।
कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए
हालांकि, वैक्सीन को लेकर ट्विटर पर कुछ आलोचना और आगाह करने वाली टिप्पणी भी देखने को मिली। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मीडिया में आई एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि नार्वे में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लेने के कुछ ही दिनों के अंदर 23 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी यहां भारत में हम बगैर उपयुक्त ट्रायल या पारदर्शिता के वैक्सीनेशन शुरू कर रहे हैं, जबकि कोरोना से होने वाली मौतों और संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आई है।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, वैक्सीनेशन आरंभ हो गया है और यह अजीबो-गरीब है कि भारत के पास (वैक्सीन के) इमरजेंसी उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो वैक्सीन के इमरजेंसी स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई। कांग्रेस सांसद ने कहा कि Covaxin की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई। उन्होंने मीडिया में आई एक खबर को अपने ट्वीट में टैग करते हुए यह कहा। इस खबर में यह दावा किया गया है कि हैदराबाद स्थित Bharat Biotech के कोवैक्सीन के सीमित उपयोग की अनुमति के मुद्दे पर वैज्ञानिक और चिकित्सक बंटे हुए हैं।
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