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IIP Growth: अक्टूबर में 3.5% बढ़ा औद्योगिक उत्पादन, पिछले तीन महीने में सबसे अधिक रहा आंकड़ा

Industrial growth in October: अगस्त में मामूली गिरावट के बाद अक्टूबर लगातार दूसरा महीना है जब औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा 15 अर्थशास्त्रियों के मनीकंट्रोल पोल के मुताबिक है, जिसमें वृद्धि दर 3.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था

अपडेटेड Dec 12, 2024 पर 4:51 PM
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IIP DATA: औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है।

IIP Growth: औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है। फेस्टिव सीजन के चलते भारत की इंडस्ट्रियल ग्रोथ अक्टूबर में तीन महीने के उच्चतम स्तर 3.5 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि पिछले महीने सितंबर में यह दर 3.1 फीसदी थी। भारत सरकार ने आज 12 दिसंबर को ये आंकड़े जारी किए हैं। अगस्त में मामूली गिरावट के बाद अक्टूबर लगातार दूसरा महीना है जब औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा 15 अर्थशास्त्रियों के मनीकंट्रोल पोल के मुताबिक है, जिसमें वृद्धि दर 3.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।

तीन प्रमुख उद्योगों में से माइनिंग में 0.9 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जबकि मैन्युफैक्चरिंग में पिछले महीने के 3.9 फीसदी की तुलना में 4.1 फीसदी की वृद्धि हुई। इसके अलावा, इलेक्ट्रिसिटी की ग्रोथ 2 फीसदी पर स्थिर रही। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 40 फीसदी का योगदान देने वाले कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन भी अक्टूबर में बेहतर रहा। भारत के कोर सेक्टर का उत्पादन सितंबर में रिवाइज्ड 2.4 फीसदी की तुलना में अक्टूबर में 3.1 फीसदी बढ़ा, क्योंकि आठ में से चार सेक्टर्स में ग्रोथ की तेजी दर्ज की गई।

वर्ष की पहली छमाही में, खासकर दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी धीमी रही है। लेकिन सरकार को तीसरी तिमाही में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। जुलाई-सितंबर की अवधि में औद्योगिक और खनन गतिविधि धीमी होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष की दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी तक धीमी हो गई। माइनिंग सेक्टर में दो वर्षों में पहली बार कमजोरी देखी गई, जबकि मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आई और विकास दर पिछली तिमाही के 7 फीसदी से गिरकर वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 2.2 प्रतिशत रह गई।


अक्टूबर 2024 में IIP में सुधार देखा गया, लेकिन यह ग्रोथ पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में कम है, जब विनिर्माण, बिजली, और खनन क्षेत्रों में उच्च वृद्धि दर दर्ज की गई थी। आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इन सेक्टर्स में क्रमशः 10.6%, 20.4% और 13.1% की वृद्धि हुई थी। यह धीमी वृद्धि उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर मांग के कारण है, जो औद्योगिक उत्पादन पर प्रभाव डाल रही है।

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