Credit Cards

Raj Kapoor: 'मैं राज कपूर और उनके बेटे से मिलने से बचता था', शम्मी कपूर के बेटे आदित्य ने किया ये खुलासा

Raj Kapoor 100th Anniversary: भारतीय सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर की आज 14 दिसंबर को 100वीं जयंती है। राज कपूर को दुनिया भर के दर्शक उनकी अद्वितीय फिल्मों जैसे ‘आवारा’, ‘श्री 420’, और ‘मेरा नाम जोकर’ की वजह से आज भी याद करते हैं। उनके बर्थडे पर भतीजे आदित्य राज कपूर ने बड़ा खुलासा किया है

अपडेटेड Dec 14, 2024 पर 5:15 PM
Story continues below Advertisement
Raj Kapoor: 'मैं राज कपूर और उनके बेटे से मिलने से बचता था', शम्मी कपूर के बेटे आदित्य ने किया ये खुलासा

बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले एक्टर और डायरेक्टर राज कपूर की आज 14 दिसंबर को 100वीं जयंती है। राजकपूर का जन्म 14 दिंसबर 1924 को हुआ था। राज कपूर ने हिन्दी सिनेमा का नाम पूरी दुनिया में किया और एक के बाद एक कई बेहतरीन फिल्में बनाई। उन्हें सिनेमा प्रेमियों को ‘आवारा’, ‘श्री 420’, ‘मेरा नाम जोकर’ जैसी शानदार फिल्मों का तोहफा दिया। वहीं राजकपूर के बर्थडे पर उनके भतीजे आदित्य राज कपूर ने दिवंगत दिग्गज अभिनेता के बारे में काफी कुछ बताया।

भतीजे ने बताई ये बात

ईटाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में शम्मी कपूर के बेटे आदित्य राज कपूर ने कहा कि, "राज कपूर का अपने भाइयों शम्मी और शशि कपूर के साथ बहुत घनिष्ठ रिश्ता था। तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े होने के नाते, राज अंकल एक सच्चे पारिवारिक व्यक्ति थे। सभी विशेष अवसर उनके घर पर ही मनाए जाते थे। शशि अंकल और पिताजी उन्हें पिता की तरह मानते थे, और यह अनुभव अगली पीढ़ी को आपसी सम्मान सिखाने में सहायक रहा।"


सिनेमा के लिए ही बने थे राज कपूर

आदित्य ने राज कपूर काबिलियत पर बात करते हुए आगे बताया कि, "राज साहब ने हमेशा एक साधारण विचार से शुरुआत की और इसे सामाजिक परिस्थिति से जोड़कर अद्वितीय फिल्में बनाई। उनका विश्वास और दृढ़ संकल्प उन्हें सबसे अलग बनाता था। उदाहरण के लिए, 'मेरा नाम जोकर' जैसी फिल्म को कौन बनाने की हिम्मत करता? राज कपूर अपने किरदार की भावनाओं को महसूस कराने में विश्वास रखते थे।"

अपने चाचा के साथ बिताए समय को याद करते हुए, आदित्य ने बताया, "मैंने आरके स्टूडियो में कुछ साल रणधीर कपूर और राज साहब के साथ में बिताए। राज साहब की विचारों के प्रति सख्ती की कला ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। उनका कहानी कहने का जुनून, संगीत और सिनेमैटोग्राफी में झलकता था।"

क्यों राज कपूर से मिलने से बचते थे आदित्य

'सत्यम शिवम सुंदरम' में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने वाले आदित्य राज कपूर ने बताया कि उनके शशि अंकल और पिता शम्मी कपूर राज कपूर से पिता-जैसा स्नेह प्राप्त करते थे। खासकर शूटिंग के दौरान, राज कपूर जिस नजर से शशि कपूर को देखते थे, वह भावुकता से भरा होता था। राज कपूर हमेशा कहते थे कि शशि को किसी अतिरिक्त रोशनी की जरुरत नहीं है, क्योंकि वे खुद ही रोशनी हैं। उन्होंने आगे बताया कि, "परिवार से दूर रहने का फैसला मेरा था। मैं राज अंकल या फिर उनके बेटे रणधीर से मिलने से बचता रहा। क्योंकि मुझे ऐसा लगता था कि मैं परिवार से दूर भाग गया हूं, लेकिन मेरे पास कुछ और करने के अपने कारण थे कि मैं क्या नया कर सकता था।"

मुंबई में आयोजित किया गया फिल्म फेस्टिवल

इस बीच, मुंबई में राज कपूर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। यह फेस्टिवल राज कपूर की 100वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। कपूर परिवार राज कपूर की विरासत का सम्मान करते हुए इस फिल्म फेस्टिवल में उनकी 10 सबसे बड़ी फिल्में दिखाई जाएंगी। इस फेस्टिवल में राज कपूर की लगभग चार दशकों की सबसे मशहूर फिल्में दिखाई जाएंगी, जिसमें आग (1948), बरसात (1949), आवारा (1951), श्री 420 (1955), जागते रहो (1956), जिस देश में गंगा बहती है (1960), संगम (1964), मेरा नाम जोकर (1970), बॉबी (1973) और राम तेरी गंगा मैली (1985) जैसी फिल्में शामिल है।

Maharaja: 20 करोड़ में बनी इस फिल्म ने दुनियाभर में मचाया तहलका, चीन में कमाए इतने करोड़

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।