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Mudra Loan: सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक संदर्भों के साथ कीजिए मुद्रा योजना की समीक्षा

PMMY-Mudra Loan: चिदंबरम का यह कहना कि 3.73 लाख रुपये से कौन सा कारोबार खड़ा हो सकता है, जानिए क्यों उनका यह सवाल ना तो सही है और ना ही वाजिब

Bhuwan Bhaskarअपडेटेड Oct 06, 2022 पर 11:46 AM
Mudra Loan: सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक संदर्भों के साथ कीजिए मुद्रा योजना की समीक्षा
किसी बेरोजगार, लेकिन महत्वाकांक्षी एवं मेहनती युवा को उसके सपने साकार करने के लिए की गई मदद है, जो आर्थिक के साथ ही एक सामाजिक पहल भी है। इसलिए मुद्रा योजना की समीक्षा सिर्फ आर्थिक पैमानों पर करना गलती होगी

मुद्रा लोन पर एक बार फिर बहस उठ खड़ी हुई है। इस बार उठे बहस के मूल में पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम का एक ट्वीट है, जिसमें उन्होंने इस पूरी योजना को बेकार बता दिया और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक आंकड़े को आधार बना कर कहा कि सिर्फ 3.73 लाख रुपये में कौन सा बिजनेस खड़ा किया जा सकता है।

दरअसल SBI ने अपने एक आधिकारिक बयान में इस बात पर गौरव जताया था कि 2021-22 के दौरान तमिलनाडु-पुडुचेरी जोन में 26750 मुद्रा लाभार्थियों को 1000 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। चिदंबरम ने कहा कि यह रकम हर व्यक्ति के लिए औसत 3.73 लाख रुपये होती है और इतनी रकम में कोई क्या बिजनेस खड़ा कर सकता है और कितने रोजगार पैदा किए जा सकते हैं। और इसी आंकड़े को आधार पर बना कर पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कह दिया कि इसी कारण मुद्रा योजना में दिए गए कर्ज सबसे ज्यादा डूबे हैं।

इसके कुछ ही समय बाद पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रह्मण्यम ने मुद्रा योजना पर चिदंबरम की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों में इसके तहत सरकार ने 18.83 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं, जिससे समाज के सबसे कमजोर तबकों को बहुत लाभ हुआ है। सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि बंधन बैंक के बोर्ड में शामिल रहते हुए उन्होंने देखा है कि किस तरह 25 हजार रुपये के कर्ज से भी गरीब तबकों को लाभ होता है, इसलिए चिदंबरम का 3.73 लाख रुपये को कारोबार शुरू करने के लिए नाकाफी बताना आश्चर्यजनक है।

2015 में लॉन्च प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को शुरू से इसी आधार पर असफल बताने की कोशिश की जाती रही है कि इसमें NPA की हिस्सेदारी बहुत बड़ी है। तो क्या सच में मुद्रा योजना में दिए सारे कर्ज डूब रहे हैं और यह योजना, जिसे प्रधानमंत्री अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में शुमार करते हैं, एक असफल योजना है?

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