Meesho IPO: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो का ₹5421 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए आज खुल रहा है। आईपीओ खुलने से पहले कंपनी एंकर निवेशकों से ₹2,439.5 करोड़ जुटा चुकी है। एंकर बुक के तहत 125 निवेशकों को ₹111 के भाव पर 21.97 करोड़ इक्विटी शेयर जारी हुए हैं। इसमें से 42.63% यानी 21.98 शेयर 52 स्कीमों के जरिए 14 घरेलू म्यूचुअल फंडों को जारी हुए हैं। ग्रे मार्केट में बात करें तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से इसके शेयर ₹49 यानी 44.14% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।
Meesho IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च?
मीशो का ₹5,421 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 3 दिसंबर से लेकर 5 दिसंबर तक खुला रहेगा। इसके आईपीओ में ₹105-₹111 के प्राइस बैंड और 135 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15% नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स और 10% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 8 दिसंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 10 दिसंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है।
ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले निवेशकों को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹1,390.00 करोड़ मीशो की सब्सिडरी एमटीपीएल के क्लाउड इंफ्रा में निवेश, ₹480.00 करोड़ एमटीपीएल के एंप्लॉयीज की सैलरी पर, ₹1,020.00 करोड़ एमटीपीएल के मार्केटिंग और बाकी पैसे अधिग्रहण के जरिए इनऑर्गनिक ग्रोथ और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
वर्ष 2015 में बनी मीशो एक मल्टी-साइडेड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ड्राइविंग ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है। यह कंज्यूमर्स, सेलर्स, लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स और कंटेंट क्रिएटर्स को जोड़ती है। कंज्यूमर्स को यह सस्ते भाव पर प्रोडक्ट्स का एक्सेस देती तो सेलर्स को भी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए सस्ता प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है। इसका ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो ब्रांड नाम से चलता है। यह ई-कॉमर्स सेगमेंट में तेजी से उभरती कंपनी है, जिसने बहुत कम समय में एमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसे दिग्गजों को टक्कर देते हुए मार्केट में अपनी जगह बनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 12 महीनों (30 सितंबर तक) में Meesho भारत का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनकर उभरा और इस पर सबसे ज्यादा ऑर्डर प्लेस हुए। वहीं इसका लॉजिस्टिक्स नेटवर्क वाल्मो (Valmo) के नाम से चलता है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹1,671.90 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में फिसलकर ₹327.64 करोड़ पर आ गया लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2025 में घाटा ₹3,941.71 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना करीब 30% की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹9,900.90 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2025 में कंपनी को ₹700.72 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था और ₹5,857.69 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। कंपनी पर पिछले कुछ वित्त वर्षों से फिलहाल कोई कर्ज नहीं है।
Meesho IPO: पैसे लगाएं या नहीं?
घरेलू ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन ने लॉन्ग टर्म के लिए मीशो को सब्सक्राइब की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि चूंकि कंपनी घाटे में चल रही है तो इसके P/E रेश्यो का कोई मतलब नहीं है लेकिन वित्त वर्ष 2025 के सेल्स के मुकाबले अपर प्राइस बैंड के हिसाब से मीशो की वैल्यू 5.3 गुना (प्राइस-टू-सेल्स) भाव पर है। इसे करीब $620 करोड़ के मजबूत जीएमवी रन-रेट और मार्केटप्लेस कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन में सुधार से सपोर्ट मिल रहा है। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर 2026 में इसका मार्केटप्लेस कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन नेट मर्चेंडाइज वैल्यू (NMV) के 3.6% पर पहुंच गया। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि कंपनी की रफ्तार तो धाकड़ है लेकिन नियर टर्म प्रॉफिटेबिलिटी के चलते यह आईपीओ हाई रिस्क वाले और लॉन्ग टर्म वाले निवेशकों के लिए बेहतर है।
एसबीआई सिक्योरिटीज ने भी इसे लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि मीशो जीरो कमीशन मॉडल पर काम करती है और मुख्य रूप से इसे लॉजिस्टिक्स और ऐड से कमाई होती है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि शुद्ध घाटे के बावजूद कंपनी पिछले दो वर्षों से पॉजिटिव फ्री कैश फ्लो जेनेरेट कर रही है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि मीशो के लिए टिकाऊ मुनाफे का रास्ता काफी अहम होगा क्योंकि यह टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग और इंजीनियरिंग में निवेश जारी रखेगी।
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