Urban Company IPO: होम सर्विसेज प्लेटफॉर्म Urban Company का IPO बुधवार, 10 सितंबर से खुल रहा है। इसे निवेशक शुक्रवार, 12 सितंबर तक सब्सक्राइब कर सकेंगे। कंपनी इस IPO के जरिए ₹1900 करोड़ जुटाना चाहती है। इसमें ₹472 करोड़ का नया शेयर इश्यू और ₹1,428 करोड़ का ऑफर फॉर सेल शामिल है।
Urban Company IPO की डिटेल
IPO की प्राइस बैंड ₹98–₹103 प्रति शेयर तय की गई है। रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम लॉट 145 शेयर का है, यानी शुरुआती निवेश लगभग ₹14,935। निवेशक अधिकतम 13 लॉट्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। शेयर अलॉटमेंट 15 सितंबर को होगा। वहीं, शेयर BSE और NSE दोनों में 17 सितंबर को लिस्ट होंगे।
Urban Company का बिजनेस क्या है?
Urban Company ऑनलाइन सर्विस प्लेटफॉर्म है, जो घर और ब्यूटी कैटेगरीज में सेवाएं देती है। इसका नेटवर्क भारत के अलावा UAE, सिंगापुर और सऊदी अरब में है। अर्बन कंपनी कुल 59 शहरों में सर्विस देती है, जिनमें से 48 शहर भारत के हैं। प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहक क्लीनिंग, पेस्ट कंट्रोल, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबिंग, कारपेंट्री, अप्लायंस रिपेयर, पेंटिंग, स्किनकेयर, हेयर ग्रूमिंग और मसाज थेरेपी जैसी सेवाएं ऑर्डर कर सकते हैं।
Urban Company का IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अच्छा संकेत दे रहा है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका लेटेस्ट GMP ₹35 प्रति शेयर है, जो निवेशकों की मजबूत दिलचस्पी दिखाता है। IPO के अपर प्राइस बैंड ₹103 और ₹35 के GMP को जोड़कर देखें, तो लिस्टिंग प्राइस करीब ₹138 हो सकता है। यह इश्यू प्राइस से लगभग 33.98% का प्रीमियम दिखाता है। ग्रे मार्केट प्रीमियम इस बात का संकेत है कि निवेशक इश्यू प्राइस से ऊपर भुगतान करने के लिए तैयार हैं।
Urban Company IPO से जुड़े रिस्क
मुनाफा कमाने की चुनौती: अर्बन कंपनी ने पिछले कुछ सालों में लगातार नुकसान झेले हैं और कैश फ्लो नकारात्मक रहा है। अगर रेवेन्यू तेजी से नहीं बढ़ा या खर्च में सुधार नहीं हुआ, तो लंबी अवधि में मुनाफा कमाना मुश्किल हो सकता है।
कड़ी प्रतिस्पर्धा: Urban Company अपने हर मार्केट में सख्त प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है। इससे ग्राहक संख्या और सर्विस प्रोफेशनल्स की भागीदारी पर असर पड़ सकता है।
नई सेवाओं में अनुभव कम: कंपनी ने कुछ नए बिजनेस सेगमेंट और शहरों में कदम रखा है। इन क्षेत्रों में अनुभव कम होने के कारण निवेशकों के लिए भविष्य का प्रदर्शन समझना मुश्किल हो सकता है।
कर्मचारियों और मैनेजमेंट पर निर्भरता: कंपनी के लिए अनुभवी कर्मचारी और मुख्य मैनेजमेंट बहुत अहम हैं। अगर उन्हें बनाए रखना मुश्किल हुआ या कर्मचारी खर्च बढ़ा, तो वित्तीय प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
नए निवेश और कानूनी जोखिम: कंपनी नए उत्पाद, सेवाएं और तकनीक में निवेश कर रही है। इसके अलावा, कंपनी और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ कुछ कानूनी मामले भी चल रहे हैं। किसी भी तरह का नकारात्मक परिणाम व्यवसाय और वित्तीय स्थिति पर असर डाल सकता है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।