Air India Disinvestment Updates: कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) को खरीदने के लिए टाटा संस (Tata Sons) की बोली मंजूर होने की खबरों को सरकार ने खारिज कर दिया है। दरअसल, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक Air India की बोली टाटा संस ने जीत ली है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंत्रियों के एक ग्रुप ने टाटा ग्रुप के टेक ओवर प्रस्ताव पर सहमति जता दी है।
हालांकि, सरकार ने शुक्रवार को सफाई देते हुए कहा है कि इस बारे में मीडिया रिपोर्ट्स गलत हैं, अभी कुछ तय नहीं किया गया है। जब भी इस बारे में कुछ फैसला होगा उसकी जानकारी मीडिया को दे दी जाएगी।
एयर इंडिया भारी नुकसान में लेकिन एसेट्स की कोई कमी नहीं
दरअसल, पीटीआई के मुताबिक टाटा संस एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बोली को अभी तक गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने मंजूरी नहीं दी है।
इस मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि टाटा संस और स्पाइसजेट लिमिटेड के प्रमोटर अजय सिंह की वित्तीय बोलियों को कुछ दिन पहले खोला गया और बुधवार को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विनिवेश पर सचिवों के मुख्य समूह ने इसकी जांच की।
Air India Disinvestment Updates: टाटा संस के पास 58 साल बाद लौटेगी Air India, कंपनी ने जीती बोली
सूत्रों ने बताया कि आरक्षित निर्धारित मूल्य के मुकाबले बोलियों का मूल्यांकन किया गया और पाया गया कि टाटा की बोली सबसे ऊंची है। उन्होंने कहा कि अब इसे एयर इंडिया के निजीकरण के लिए गठित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह के सामने रखा जाएगा।
वित्त मंत्रालय और टाटा संस ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। इसबीच डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार ने अभी तक एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोलियों को मंजूरी नहीं दी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों को मंजूरी देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। मीडिया को सरकार के फैसले के बारे में बताया जाएगा। आपको बता दें कि DIPAM वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।
Air India को दोबारा हासिल करना टाटा ग्रुप का सपना था जो अब पूरा हो सकता है। यदि टाटा संस की बोली स्वीकार कर ली जाती है, तो वह उस राष्ट्रीय विमान वाहक का अधिग्रहण कर लेगा, जिसकी स्थापना उसने ही की थी।
जहांगीर रतनजी दादाभाई (JRD) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी। उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था। 1953 में Air India का राष्ट्रीयकरण हो गया था। हालांकि सरकार के हाथों में जाने के बावजूद कंपनी के चेयरमैन JRD टाटा ही रहे।
सोशल मीडिया अपडेट्स के लिए हमें Facebook (https://www.facebook.com/moneycontrolhindi/) और Twitter (https://twitter.com/MoneycontrolH) पर फॉलो करें।
