शेयर बाजार में छोटे-मझोले शहरों के 30-40 साल आयु वर्ग के लोगों की बढ़ रही रुचि: एक्सपर्ट्स

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में रिटेल निवेशकों की संख्या बढ़ रही है.

अपडेटेड Mar 19, 2021 पर 4:24 PM
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भारतीय बाजार वित्त वर्ष 2021 में नए हाई पर पहुंच गए। इस अवधि में सेंसेक्स-निफ्टी में करीब 70 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली। इस साल देश के टीयर-2 और टीयर -3 शहरों से डीमैट एकाउंट ओपनिंग में गुणात्मक बढ़त देखने को मिली। जानकारों के मुताबिक अभी आगे भी ये ट्रेंड बना रहेगा।

जानकारों का कहना है कि  D-Street में लगातार बढ़ती निवेशक कम्यूनिटी के साथ पार्टी अभी जारी रहेगी। आंकड़े बता रहे हैं कि वित्त वर्ष 2021 में शेयर बाजार में 1.2 करोड़ से ज्यादा नए एकाउंट खुले हैं जो वित्त वर्ष 2020 में खुले 47 लाख खातों से करीब 2 गुना ज्यादा हैं।

हाई ब्राडबैंड कनेक्टिविटी की सुविधा बढ़ने, सस्ते ऑनलाइन ट्रेडिंग प्रोग्राम और कोरोना काल में कमाई बढ़ाने के वैकल्पिक स्रोत की खोज की कोशिश में पिछले 12 महीनों में इक्विटी बाजार में वर्टिकल ग्रोथ देखने को मिली है।

Angel Broking के दिनेश ठक्कर ने सीएनबीसी-आवाज़ से बात करते हुए कहा कि पिछले 11 महीनों में CDSL और NSDLमें कुल मिला कर 122.5 लाख नए खाते खुले हैं जिसके पूरे देश में Demat accounts की कुल संख्या बढ़कर 531.2 लाख हो गई है। फरवरी 2021 में Angel Broking के क्लायंट्स की संख्या दो गुना होकर करीब 38 लाख हो गई हो जो मार्च 2020 में 18 लाख थी।

इस ट्रेंड की क्या है वजह

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में रिटेल निवेशकों की संख्या बढ़ रही है। अमेरिका में  Robinhood नाम के retail stock trading app के
मेंबरशिप में 2020 में जोरदार बूम देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2021 में इस पर नया खाता खोलने वाले ज्यादातर लोग 30-40 साल आयु वर्ग के थे। जानकारों का कहना कि वर्क फ्रॉम होम ने निवेशकों को शेयर बाजार के ट्रेंड और नई ट्रेडिंग टेक्निक को समझने का मौका दिया है।


शेयर खान के जयदीप अरोड़ा का कहना है कि 2020-21 में भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हमें रिटेल निवेशकों की संख्या बढ़ती दिखी है। बाजार में अब एक टेक सेवी युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वो अब अपने फाइनेंस पर खुद कंट्रोल चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शेयर खान ने रजिस्टर हुए 77 फीसदी नए खाते 40 साल से या कम आयु के लोगों के हैं।

बाजार जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से लोगों के आय के वैकल्पिक स्रोतों पर विचार करना पड़ा  और शेयर मार्केट सबकी पसंद बनकर उभरा। टेक सैवी नई पीढ़ी जोखिम लेने के लिए भी पुरानी पीढ़ी की तुलना में ज्यादा तैयार है। उनको यह भी महसूस हुआ कि आज के डिजिटल युग में शेयर बाजार में हाथ अजमाना कोई बड़ी मुश्किल की बात नहीं है।

Upstox के को फाउंडर और CEO रवि कुमार ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा कि डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की सरलता, सस्ते ब्रोकरेज और आसान और मुफ्त अकाउंट खोलने की सुविधा की वजह से तमाम नए लोगों ने डीमैट अकाउंट खोले हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह ट्रेंड साल 2021 में भी जारी रहेगी। अपस्टॉक्स के 75 फीसदी से ज्यादा ग्राहक 35 साल के नीचे के आयु वर्ग के हैं। अपस्टॉक्स से हुई इस बाातचीत में रवि कुमार ने ये भी बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में भी शेयर बाजार को लेकर जोरदार रुझान बना रहेगा। छोटे और मझोले शहरों से नए डीमैट अकाउंट खुलेंगे।

अपस्टॉक्स ने ये भी बताया कि वित्त वर्ष 2021 में खुले 70-90 फीसदी खाते नॉन मेट्रो शहरों से हैं। उसमें से भी करीब 70 फीसदी कस्टमर बेस नाशिक, जयपुर, गुंटूर, पटना, कन्नानूर, तिरुवलुवर, नैनीताल जैसे टियर-2 और टियर -3 शहरों से हैं।

जानकारों का कहना है कि मजबूत होते इस ट्रेंड की सबसे अहम वजह समय और सोच में हुआ बदलाव है। परंपरागत रूप से देखें तो गैर-मैट्रो शहरों में शेयर बाजार में रुचि लेने वालों की संख्या बहुत कम रहती रही है।

लेकिन अब स्मार्टफोन्स और टेबलेट की बढ़ती संख्या, सस्ते में हाईस्पीड डेटा  की उपलब्धि और बाजार की हालिया रैली ने टेक सैवी यंग जनरेशन के सपनों को पंख लगा दिए हैं और वे शेयर बाजार में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं।


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