Adani Ports News: अदाणी पोर्ट्स ने शनिवार को कहा कि डेलॉइट ने जिस वजह से ऑडिटर का काम छोड़ा है "वो ना तो वाजिब है और ना ही सही।" शुक्रवार 11 अगस्त को एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया था कि हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी के जिन ट्रांजैक्शन पर सवाल उठाया था उसे लेकर डेलॉइट फिक्रमंद है। और डेलॉइट अब अकेले ऑडिटिंग नहीं करना चाहती थी। इसी वजह से उसने अदाणी पोर्ट की ऑडिटिंग का काम छोड़ दिया है।
ऑडिटर के अचानक इस्तीफा देने से अदाणी ग्रुप एकबार फिर फाइनेंशियल मैनेजमेंट को लेकर जांच के घेरे में आ गई हैं। वैसे अदाणी ग्रुप ने इस साल जनवरी में आए हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट से साफ इनकार किया था। शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडेनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर टैक्स हेवेन का गलत इस्तेमाल करने, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन और ग्रुप के कर्ज के लेवल पर भी सवाल उठाए थे।
अदाणी पोर्ट्स की लीडरशिप की हालिया मीटिंग में डेलॉइट ने इस बात के संकेत दिए थे कि अदाणी ग्रुप की दूसरी लिस्टेड कंपनियों की ऑडिटिंग ठीक से नहीं हो पा रही है। इस पर कंपनी ने कहा था कि डेलॉइट दूसरी कंपनियों की ऑडिटिंग की सलाह नहीं दे सकती क्योंकि उन कंपनियों का बोर्ड अलग है। और वो सभी कंपनियां इंडिपेंडेंट हैं।
अदाणी ग्रुप का कहना है, "अदाणी पोर्ट्स की ऑडिट कमिटी का मानना था कि डेलॉइट ने इस्तीफे की जो वजह बताई थी वह ठोस या पर्याप्त नहीं थे।"
अदाणी पोर्ट ने शनिवार 12 अगस्त को MSKA & Associates को नया ऑडिटर बनाया है। यह BDO इंटरनेशनल की इंडिपेंडेंट मेंबर फर्म है।
डेलॉइट ने इस साल मई में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में उठाए कुछ ट्रांजैक्शन को लेकर चिंता जताई थी और अपनी राय दी थी।