डी-स्ट्रीट के बुल्स ने 11 दिसंबर को सेंसेक्स को 70,000 के शिखर पर पहुंचा दिया। निफ्टी भी 21,000 से ऊपर कारोबार कर रहा है। भारतीय शेयर बाजार गोल्डीलॉक्स मोमेंटम का आनंद ले रहे हैं। बाजार में तेजी से उत्साहित विश्लेषकों का कहना है कि अगले साल आम चुनाव से पहले सेंसेक्स 73,000 तक पहुंचने की राह पर है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि किसी अप्रत्याशित घटना की स्थिति में महंगा वैल्यूएशन निवेशकों को डरा सकता है।
भारत ग्लोबल स्तर पर सबसे महंगा बाजार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि निफ्टी 21,000 अंक से ऊपर जाने के साथ ही वित्त वर्ष 2024 के अर्निंग के 21 गुना (x) पर कारोबार कर रहा है। ऐसे में ग्लोबल स्तर पर ये सबसे महंगा बाजार बन गया है। उम्मीद है कि यह निकट अवधि में भी महंगा रहेगा क्योंकि भारत में भारी निवेश हो रहा है। विदेशी और घरेलू निवेशक दोनों काफी निवेश कर रहे हैं। हालांकि, हाई वैल्यूएशन के साथ समस्या यह है कि अगर कोई अप्रत्याशित घटना होती है, तो बाजार में करेक्शन हो सकता है।
अगले साल होने वाले चुनाव में बीजेपी की जीत पर भरोसा बढ़ा
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक चोकालिंगम जी (Chokkalingam G) का कहना है कि यह तेजी अगले कुछ महीनों में बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स को 73,000 के स्तर तक पहुंचा सकती है। तीन राज्यों के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हालिया जीत ने आम तौर पर अगले साल होने वाले चुनाव में बीजेपी की जीत पर भरोसा बढ़ा दिया है। लेकिन अब महंगे वैल्यूएशन को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। विकसित या उभरते बाजारों की तुलना में भारत प्रीमियम वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ब्याज दरों में अब और बढ़त न होने की उम्मीद और वित्त वर्ष 2024 के लिए 7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ अनुमान को देखते हुए ये वैल्यूएशन महंगा नही दिख रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि ने ब्याज दरों के अपने पीक पर पहुंचने के बावजूद, भारत की ग्रोथ रेट 6.5-7 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसके विपरीत, चीन, जापान और यूरोपीय देश ऊंची ब्याज दरों के शिकार हो गए हैं। जिसके चलते उन्होंने अपने जीडीपी अनुमान में कटौती करनी पड़ी है। विदेशी निवेशकों की वापसी, 2024 के चुनावों के बाद स्थिर सरकार की बढ़ती उम्मीदें, बॉन्ड यील्ड में नरमी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और मजबूत मैक्रो-आर्थिक इंडीकेटरों ने निवेशकों का जोश बनाए रखा है।
लार्जकैप को तरजीह देने का समय
विश्लेषकों का मानना कि अब लार्जकैप को तरजीह देने का समय आ गया है। केआर चोकसी होल्डिंग्स के प्रबंध निदेशक, देवेन चोकसी का कहना है कि वे इस समय मिड-कैप और स्मॉलकैप की तुलना में लार्जकैप को प्राथमिकता दे रहे हैं। जुलाई-सितंबर की मजबूत तिमाही के बाद लार्जकैप गति पकड़ते दिख रहे हैं। 15 से ज्यादा पर इनका वैल्यूएशन आकर्षक दिख रहा है।
वहीं, दूसरी ओर चोकालिंगम जी का कहना है कि उन्हें बीएसई सेंसेक्स के साथ बड़े वैल्यूएशन गैप के कारण बीएसई स्मॉलकैप में कुछ करेक्शन की उम्मीद दिख रही है। "सावधानी" का शब्द ब्रॉडर मार्केट के लिए है क्योंकि हमें इसमें करेक्शन की उम्मीद है। बीएसई स्मॉलकैप, बीएसई सेंसेक्स के मुकाबले लगभग 30 गुना प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। ऐतिहासिक रूप से, जब बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई सेंसेक्स के बीच वैल्यूएशन अंतर होता है तो करेक्शन होता है। उम्मीद है कि ये ट्रेंड जारी रहेगा।
गौरतलब है कि इस साल अब तक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 इंडेक्स ने 14 फीसदी और 15 फीसदी की छलांग लगाई है। दूसरी ओर बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई मिडकैप इंडेक्स इस अवधि में 43 फीसदी और 40 फीसदी बढ़े हैं।
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