Calcutta Stock Exchange: ट्रेडिंग वॉल्यूम में कभी BSE को टक्कर देता था 117 साल पुराना एक्सचेंज, इस साल शायद आखिरी दिवाली

कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1908 में हुई थी। यह कोलकाता की वित्तीय विरासत का प्रतीक था। अब यह एक स्वतंत्र शेयर बाजार के रूप में अपने अंतिम उत्सव की तैयारी कर रहा है। एक्सचेंज ने सभी कर्मचारियों के लिए एक वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम शुरू की है

अपडेटेड Oct 19, 2025 पर 1:53 PM
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25 अप्रैल, 2025 की असाधारण आम बैठक के जरिए शेयर बाजार कारोबार से हटने को लेकर शेयरहोल्डर्स से मंजूरी हासिल की गई।

कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (CSE) इस साल 20 अक्टूबर को हो सकता है कि अपनी आखिरी काली पूजा और दिवाली मनाए। एक दशक यानि कि 10 साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एक्सचेंज की अपनी मर्जी से ऑपरेशंस बंद करने की प्रोसेस लगभग पूरी होने वाली है। नियमों का पालन न करने के कारण अप्रैल, 2013 में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने CSE में ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी थी। इसके बाद एक्सचेज ने ऑपरेशंस को फिर शुरू करने और अदालतों में SEBI के निर्देशों का विरोध करने की सालों तक कोशिश की।

अब एक्सचेंज ने ट्रेडिंग से हटने और अपने स्टॉक एक्सचेंज लाइसेंस को अपनी मर्जी से वापस देने का फैसला किया है। 25 अप्रैल, 2025 की असाधारण आम बैठक के जरिए शेयर बाजार कारोबार से हटने को लेकर शेयरहोल्डर्स से मंजूरी हासिल की गई। इसके बाद CSE ने SEBI को कारोबार से हटने का आवेदन किया।

117 साल पुराना स्टॉक एक्सचेंज


कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1908 में हुई थी। यह कभी ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में बीएसई को टक्कर देता था और कोलकाता की वित्तीय विरासत का प्रतीक था। केतन पारेख से जुड़े 120 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में पेमेंट संकट पैदा हो गया, क्योंकि कई ब्रोकर सेटलमेंट दायित्वों को पूरा करने में चूक गए। इस घटना ने निवेशकों और रेगुलेटर्स के विश्वास को तोड़ दिया, जिसके चलते ट्रेडिंग एक्टिविटीज में लंबे समय तक गिरावट आई। CSE एक स्वतंत्र शेयर बाजार के रूप में अपने अंतिम उत्सव की तैयारी कर रहा है, और अब कुछ सदस्यों के बीच एक पुरानी यादों का माहौल है।

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वैल्यूएशन के लिए एजेंसी हायर

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, CSE के चेयरमैन दीपांकर बोस का कहना है कि SEBI ने स्टॉक एक्सचेंज की वैल्यूएशन के लिए एक वैल्यूएशन एजेंसी राजवंशी एंड एसोसिएट नियुक्त की है, जिसका काम अभी चल रहा है। स्टॉक एक्सचेंज कारोबार से बाहर निकलने के लिए SEBI की मंजूरी मिलने के बाद CSE एक होल्डिंग कंपनी के रूप में काम करेगा। इसके 100 प्रतिशत मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी 'CSE कैपिटल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीसीएमपीएल)' एनएसई और बीएसई के सदस्य के रूप में ब्रोकिंग जारी रखेगी।

सृजन समूह को बेची जाएगी 3 एकड़ की संपत्ति

SEBI ने ईएम बाईपास पर CSE की 3 एकड़ की संपत्ति को सृजन समूह को 253 करोड़ रुपये में बेचने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। दिसंबर, 2024 में CSE के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपने पेंडिंग मामलों को वापस लेने और अपनी मर्जी से ट्रेडिंग गतिविधि से बाहर निकलने के लिए आवेदन करने का फैसला किया। यह प्रस्ताव औपचारिक रूप से 18 फरवरी 2025 को SEBI को पेश किया गया और 25 अप्रैल 2025 को शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिली।

तैयारी के तौर पर, एक्सचेंज ने सभी कर्मचारियों के लिए एक वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) शुरू की है। इसमें 20.95 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान शामिल है, जिससे लगभग 10 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी। सभी कर्मचारियों ने इस योजना को चुना है। कुछ को कंप्लायंस वर्क के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया है।

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