Daily Voice: बाजार में जल्दी किसी बड़ी रिकवरी की उम्मीद नहीं, जारी रहेगी रिटेल निवेशकों की निकासी

लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक राघवेन्द्र नाथ ने कहा कि ग्रोथ को बढ़ाने वाले अधिकांश कारक सही स्थिति में है। ब्याज दरों में कमी हो रही है। सरकारी खर्च बढ़ रहा है। करेंसी में भी स्थिरता है। इस सबको देखते हुए लगता है कि 2025 का बाकी बचा हिस्सा हमारी आज की स्थिति से बेहतर होगा

अपडेटेड Mar 04, 2025 पर 11:11 AM
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राघवेंद्र ने कहा कि आने वाली तिमाहियों में बैंकिंग सेक्टर के तुलनात्मक रूप बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। आरबीआई की तरफ से सिस्टम में नकदी बढ़ाने के लिए किए जा रहे उपाय से बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा

लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र नाथ ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि एक बड़े करेक्शन के बाद अब वैल्यूएशन पहले से काफी बेहतर हैं लेकिन सेंटीमेंट,खासकर रिटेल सेक्टर में अभी भी बहुत कमजोर हैं। उनके मुताबिक निकट भविष्य में बाजार में किसी बड़ी रिकवरी की संभावना नहीं है। 30 साल से ज्यादा के कॉर्पोरेट अनुभव के साथ राघवेंद्र का कहना है कि बाजार से रिटेल निवेशकों की निकासी जारी रह सकती जिससे बाजार में गिरावट और सेंटीमेंट में नरमी बनी रहेगी। उनका मानना ​​है कि रिन्यूएबल एनर्जी, हॉस्पिटैलिटी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में अगले कुछ सालों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।

राघवेंद्र नाथ ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में भी अर्निंग्स में कोई सुधार नहीं हुआ। अब ऐसा लगता है कि 2025 में खपत और मांग में सुधार देखने को मिलेगी,जिससे कॉर्पोरेट नतीजे बेहतर होंगे। तीसरी तिमाही में 6.2 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रेट, उम्मीद से बेहतर रही है। चौथी तिमाही में महाकुंभ की भूमिका भी काफी बेहतर हो सकती है। दूसरी ओर,आरबीआई ने नकदी बढ़ाने और दरों में कटौती के साथ मौद्रिक नीति को आसान बनाना शुरू कर दिया है। हमें अगले 6-9 महीनों में दरों में कटौती देखने को मिलेगी। इससे खपत और मांग में बढ़त देखने को मिलेगी। इसके अलावा रिटेल लोन में भी बढ़त दिखने की उम्मीद है। हालांकि अमेरिकी टैरिफ को लेकर डर बना हुआ है।

राघवेन्द्र नाथ ने आगे कहा कि ग्रोथ को बढ़ाने वाले अधिकांश कारक सही स्थिति में है। ब्याज दरों में कमी हो रही है। सरकारी खर्च बढ़ रहा है। करेंसी में भी स्थिरता है। इस सबको देखते हुए लगता है कि 2025 का बाकी बचा हिस्सा हमारी आज की स्थिति से बेहतर होगा।


बाजार पर बात करते हुए राघवेंद्र ने कहा कि एशिया के मुकाबले भारत का वैल्यूएशन प्रीमियम (जापान को छोड़कर) सितंबर-अक्टूबर 2024 में करीब 90% था, जो अब कम हो गया है। निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स के फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) रेशियो 24-25 गुना से गिरकर लगभग 20 गुना पर आ गए हैं, जो उनके लॉन्ग टर्म एवरेज के करीब हैं। निफ्टी 50 ने अपने वैल्यू का 16 फीसदी खो दिया है, जबकि सेंसेक्स में 15 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट के अलग-अलग शेयरों में भारी करेक्शन हुए। ऐसे में अब हमारे बाजार के वैल्यूएशन का बेहतर हो गए हैं।

हालांकि, खासकर रिटेल सेक्टर में सेंटीमेंट अभी भी बहुत कमजोर है। अधिकांश रिटेल निवेशक जो शेयर बाजार में सीधे कारोबार कर रहे थे,वे भारी नुकसान में हैं। सीमित पूंजी और सट्टेबाज़ी के ट्रेंड के साथ,धैर्य भी सीमित होत है। चूंकि हमें निकट भविष्य में किसी बड़ी रिकवरी की उम्मीद भी नहीं है, ऐसे में बाजार से रिटेल निवेशकों की निकासी जारी रह सकती है।

आप किन सेक्टरों में अभी निवेश करने का सुझाव देंगे जो अगले कुछ सालों में अच्छी कमाई करा सकते हैं? इसके जवाब में राघवेंद्र ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी उन सेक्टरों में से एक है जिसने क्लीन एनर्जी की बढ़ती मांग के साथ काफी बढ़त हासिल की है। दुनिया भर में कंपनियां ऊर्जा उत्पादन का विस्तार कर रही हैं। इसके अलावा सरकारी प्रोत्साहन और बढ़ती ऊर्जा मांग इस सेक्टर के लिए बड़े अवसर प्रदान करते हैं।

इसके अलावा सरकार द्वारा करों में कटौती से उपभोग में बढ़त देखने को मिल सकती है। कर कटौती से उपभोक्ताओं के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक पैसे होंगे। इससे लोग घूमने फिरने के लिए प्रेरित हो सकता है। इसका फायदा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को मिलेगा।

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आने वाली तिमाहियों में बैंकिंग सेक्टर के तुलनात्मक रूप बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। आरबीआई की तरफ से सिस्टम में नकदी बढ़ाने के लिए किए जा रहे उपाय से बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा। बाजारों में आये बड़े करेक्शन से डर कर सट्टेबाज और नौसिखिए ट्रेडर सेविंग और फिक्स डिपॉजिट जैसे पारंपरिक निवेश के तरीकों की ओर वापसी कर सकते हैं। यह बैंकिंग सेक्टर के लिए फायदेमंद होगा।

 

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