Defence Stocks: इन 5 डिफेंस कंपनियों के पास हैं ₹25000 करोड़ तक के ऑर्डर, शेयर पर रखें नजर

Defence Stocks: भारत का डिफेंस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2025 में देश का रक्षा उत्पादन बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक का रिकॉर्ड है। ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल के चलते 2014-15 के बाद से रक्षा उत्पादन में 174% की जोरदार बढ़ोतरी हुई है

अपडेटेड Dec 15, 2025 पर 7:11 PM
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Defence Stocks: सितंबर 2025 तिमाही के अंत में, मझगांव डॉक का ऑर्डर बुक ₹27,415 करोड़ रहा

Defence Stocks: भारत का डिफेंस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2025 में देश का रक्षा उत्पादन बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक का रिकॉर्ड है। ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल के चलते 2014-15 के बाद से रक्षा उत्पादन में 174% की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। आज देशभर में 16,000 से ज्यादा डिफेंस सेक्टर पर फोकस करने वाले MSMEs इस इकोसिस्टम का हिस्सा हैं।

इस बदलाव का सीधा फायदा देश की बड़ी रक्षा कंपनियों को मिला है, जिनके ऑर्डर बुक लगातार बढ़ रहे हैं। निवेशकों के लिए भी डिफेंस सेक्टर एक प्रमुख फोकस एरिया बनकर उभरा है। इस रिपोर्ट में हम ऐसे 5 डिफेंस शेयरों पर नजर डाल रहे हैं, जिनका ऑर्डर बुक ₹15,000 करोड़ से ज्यादा का है और कुछ मामलों में ₹25,000 करोड़ के पार तक पहुंच चुका है।

1. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders)

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) एक नवरत्न PSU है, जो भारतीय नौसेना के लिए डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और पनडुब्बियों जैसे जटिल युद्धपोतों का निर्माण करती है। कंपनी एक साथ कई बड़े जहाज और सबमरीन बनाने की क्षमता रखती है।


सितंबर 2025 तिमाही के अंत में, मझगांव डॉक का ऑर्डर बुक ₹27,415 करोड़ रहा। कंपनी के नतीजों की बात करें तो, सितंबर तिमाही में इसका रेवेन्यू 5,555 करोड़ रुपये रहा। हालांकि नेट प्रॉफिट घटकर ₹1,200 करोड़ आ गया और ऑपरेटिंग मार्जिन 21% से घटकर 16% हो गया। इसके बावजूद कंपनी पूरी तरह कर्जमुक्त है।

2. कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard)

यह भी डिफेंस सेक्टर की एक PSU है। कंपनी डिफेंस और कमर्शियल दोनों तरह के जहाजों के निर्माण और मरम्मत का काम करता है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर जैसे बड़े प्लेटफॉर्म बनाने की क्षमता भी रखती है। कंपनी का कुल ऑर्डर बुक ₹21,100 करोड़ है, जिसमें से करीब ₹13,700 करोड़ डिफेंस से जुड़ा है।

हालिया सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 43% घटकर ₹107.5 करोड़ रहा। वहीं रेवेन्यू सितंबर तिमाही में 2.2% घटकर ₹1,118.5 करोड़ रहा। EBITDA में बड़ी गिरावट देखने को मिली। यह 62.7% घटकर ₹73.5 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल यह ₹196.9 करोड़ था। इस दौरान कंपनी का EBITDA मार्जिन भी घटकर 6.5% पर आ गया, जो पिछले साल 17.2% था।

3. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE)

यह मिनीरत्न सरकारी कंपनी है। यह भारतीय नौसेना के लिए फ्रिगेट, सर्वे वेसल और शैलो वॉटर क्राफ्ट बनाती है। इसके अलावा यह नेवल गन और रिसर्च वेसल भी तैयार करती है। कंपनी का मौजूदा ऑर्डर बुक ₹20,200 करोड़ है। GRSE ने नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट (NGC) प्रोजेक्ट में L1 बिडर के रूप में उभरकर मजबूत स्थिति बना ली है और FY26 की चौथी तिमाही तक कॉन्ट्रैक्ट मिलने की उम्मीद है।

हालिया सितंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 56.2% बढ़कर 153 करोड़ रुपये रहा। वहीं कंपनी का रेवेन्यू 45.5% बढ़कर 1,677.4 करोड़ रुपये पहुंच गया। कंपनी का EBITDA 128 फीसदी बढ़कर 156 करोड़ रुपये रहा और EBITDA मार्जिन 5.9% से बढ़कर 9.3% हो गया।

4. सोलर इंडस्ट्रीज (Solar Industries)

यह कंपनी इंडस्ट्रियल विस्फोटक बनाने के कारोबार में थी, लेकिन अब इसने डिफेंस सेक्टर में गोला-बारूद, हाई-एनर्जी मैटीरियल और पिनाका जैसे रॉकेट सिस्टम के जरिए मजबूत एंट्री की है। कंपनी का कुल ऑर्डर बुक ₹17,100 करोड़ से ज्यादा है, जिसमें ₹15,500 करोड़ से अधिक डिफेंस से जुड़ा है।

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में इसकी बिक्री ₹4,237 करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 25% ज्यादा है। नेट प्रॉफिट ₹714 करोड़ तक पहुंच गया।

5. बीईएमएल (BEML)

बीईएमएल एक शेड्यूल-A PSU है, जो डिफेंस, रेलवे और माइनिंग सेक्टर में काम करती है। डिफेंस क्षेत्र में यह आर्मर्ड व्हीकल और हाई-मोबिलिटी प्लेटफॉर्म सप्लाई करती है। सितंबर 2025 तक कंपनी का ऑर्डर बुक ₹16,342 करोड़ रहा, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी का रेवेन्यू 1,473 करोड़ रुपये रहा, जिसमें डिफेंस और एयरोस्पेस का योगदान करीब 40% रहा। हालांकि कंपनी इस दौरान 9 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे में रही।

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