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FPI ने फरवरी में अब तक शेयरों से निकाले ₹23710 करोड़, 2025 में अभी से आउटफ्लो ₹1 लाख करोड़ के पार

FPI Selling in February: फरवरी में अब तक FPI ने डेट या बॉन्ड बाजार से भी पैसे निकाले हैं। उन्होंने बॉन्ड में जनरल लिमिट के तहत 7,352 करोड़ रुपये और वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 3,822 करोड़ रुपये निकाले हैं। कुल मिलाकर विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं

अपडेटेड Feb 23, 2025 पर 12:00 PM
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इससे पहले जनवरी में FPI ने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजार से 23,710 करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं। इस तरह 2025 में अब तक FPI भारतीय शेयरों से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक निकाल चुके हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का मानना ​​है कि भारत में FPI निवेश में रिकवरी तब आएगी, जब आर्थिक वृद्धि और कंपनियों की आय में सुधार होगा। इसके संकेत दो से तीन महीने में मिलने की उम्मीद है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने 21 फरवरी तक भारतीय शेयरों से 23,710 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले जनवरी में उन्होंने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इस तरह 2025 में अब तक FPI 1,01,737 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। इतनी जबर्दस्त बिकवाली के चलते निफ्टी ने सालाना आधार पर इस दौरान 4 प्रतिशत का निगेटिव रिटर्न दिया है।

ग्लोबल ट्रेड वॉर छिड़ने का डर भी रोक रहा निवेश


मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर जवाबी टैरिफ के साथ-साथ स्टील और एल्युमीनियम के इंपोर्ट पर नए टैरिफ लगाने पर विचार करने की रिपोर्ट के बाद बाजार की चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों ने ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंकाओं को फिर से जगा दिया है, जिसने FPI को भारत सहित उभरते बाजारों में अपने जोखिम को रीइवैल्यूएट करने के लिए प्रेरित किया है।’’

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श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजों और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट ने भी भारतीय एसेट्स की अपील को और कम कर दिया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के विजयकुमार ने कहा कि ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अमेरिकी बाजार में बाकी दुनिया से भारी पूंजी का निवेश हो रहा है। चूंकि चीन के शेयर सस्ते हैं ऐसे में ‘भारत में बेचो और चीन में खरीदो’ का रुख अभी जारी रह सकता है।

बॉन्ड बाजार में भी सेलिंग

फरवरी में अब तक FPI ने डेट या बॉन्ड बाजार से भी पैसे निकाले हैं। उन्होंने बॉन्ड में जनरल लिमिट के तहत 7,352 करोड़ रुपये और वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 3,822 करोड़ रुपये निकाले हैं। कुल मिलाकर विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। FPI का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे, जबकि 2022 में 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

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